उमेश गुप्ता / वाराणसी
चुनाव आयोग को लेकर समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव का बयान सुर्खियों में है। इसका असर वाराणसी में भी देखने को मिल रहा है। अयोध्या के मिल्कीपुर उपचुनाव में समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने चुनाव आयोग के कार्यों पर सवाल उठाते हुए विवादित बयान दिया था। अखिलेश यादव ने चुनाव आयोग को मरा बताते हुए कफन भेजने की बात कही थी।
उनके बयान के बाद समाजवादी पार्टी के कार्यालयों ने भी अपने मुखिया का समर्थन करते हुए चुनाव आयोग का पिंडदान कर दिया। यह आयोजन वाराणसी में समाजवादी पार्टी के लोहिया वाहिनी से जुडे नेताओं ने किया। अब जिस तरह से समाजवादी पार्टी के नेता चुनाव आयोग पर आरोपों की झड़ी लगा रहे हैं, उससे चर्चा है कि क्या समाजवादी पार्टी को हार का डर सताने लगा है।
वाराणसी के पिशाच मोचन घाट पर अखिलेश यादव के समर्थन में समाजवादी पार्टी ने चुनाव आयोग के पोस्टर के साथ पिंडदान किया। बाकायदा सिर मुंडवाकर चुनाव आयोग के नाम का संकल्प लेते हुए श्राद्धकर्म किया गया। इस श्राद्धकर्म को पूरे विधि-विधान से सपा कार्यकर्ताओं ने संपन्न किया। सपा कार्यकर्ताओं का कहना है कि मिल्कीपुर चुनाव में जिस तरह से पक्षपात हुआ और चुनाव आयोग ने कुछ नहीं किया, ऐसे में उनका पिंडदान कराना ही सही है।
सपा लोहिया वाहिनी के राष्ट्रीय सचिव जीशान अंसारी ने कहा कि हमने चुनाव आयोग के पक्षपातपूर्ण रवैए के खिलाफ यह कदम उठाया है। चुनाव अयोग पूरी तरह से सत्ता के प्रभाव में लोकतंत्र का गला घोंट रहा है। हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कल कफन भेजा था। इसलिए हम लोगों ने आज काशी में केंद्रीय चुनाव अयोग का काशी के पिशाच मोचन जहां देश-दुनिया से लोग अपने पितरों का पिंडदान करने आते हैं, हमने भी चुनाव आयोग का पिंडदान कर दिया। इस दौरान शुभम सेठ गोलू, जीशान अंसारी, प्रभाकर यादव, होरी लाल समेत अन्य कार्यकर्ता मौजूद रहे।