-यशस्वी तोड़ सकते हैं गावस्कर का रिकॉर्ड!
संजय कुमार
टीम इंडिया, इंग्लैंड के साथ धर्मशाला में ७ मार्च से शुरू होने वाले अंतिम टेस्ट मैच जीतक शृंखला को ४-१ के अंतर से अपने नाम कर लेने के उद्देश्य से मैदान में उतरेगी। साथ ही, विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंचने के लिए कुछ मूल्यवान अंक भी अर्जित कर लेगी। गौर करने वाली बात ये है कि टीम इंडिया के पास अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शन करने वाले टीम के लिए चुने गये ११ खिलाड़ियों के अलावा भी कई सारे खिलाड़ी हैं, जो चौंका सकते हैं और मौका मिलने पर उन्होंने चौंकाया भी है। इस समय इंग्लैंड के खिलाफ खेली जा रही टेस्ट शृंखला में कुछ नए भारतीय खिलाड़ियों ने इसका अहसास करा दिया है। सरफराज खान, विकेटकीपर ध्रुव जुरेल के बाद अब आकाश दीप। रजत पाटीदार को मिलाकर इस सीरीज में टेस्ट वैâप हासिल करने वाले चार खिलाड़ी हो गये हैं।
पूर्व टेस्ट क्रिकेटर मदनलाल का कहना है कि अब भारत में प्रतिभाशाली क्रिकेटरों की कमी नहीं हैं। इन नए प्रतिभाशाली खिलाड़ियों में से जिन्हें मौका मिल रहा है वे परफॉर्म कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह भारतीय टीम के लिए अच्छा संकेत है। विराट कोहली, जसप्रीत बुमराह और केएल राहुल ने मैच जिताए हैं और अब ये नए खिलाड़ी मैच जिता रहे हैं। मदनलाल की इस बात से किसी को कोई मतभेद नहीं। इंग्लैंड के खिलाफ टीम को टेस्ट शृंखला जिताने में यशस्वी जायसवाल का योगदान अहम रहा है। अब तक खेले गए चार टेस्ट मैचों में दो दोहरे शतक और दो अर्धशतक की मदद से बाएं हाथ के बल्लेबाज यशस्वी ने ६५५ रन बनाए हैं।
ध्रुव जुरेल का योगदान भी कम नहीं। राजकोट में तीसरे टेस्ट में अपना टेस्ट डेब्यू करते हुए जुरेल ने ४६ रनों की महत्वपूर्ण पारी खेलकर अपनी बल्लेबाजी की क्षमता का प्रदर्शन किया। जुरेल ने चौथे टेस्ट में तो कमाल ही कर दिया। पहली पारी में उनके ९० रन और कुलदीप यादव के साथ मजबूत साझेदारी ने इंग्लैंड की बढ़त को सिर्फ ४६ रन तक सीमित करने में महत्त्वपूर्ण साबित हुआ। दूसरी पारी में शुभमन गिल के साथ उनकी नाबाद ३९ रनों की पारी ने भारत को टेस्ट शृंखला में ३-१ से बढ़त दिला दी।
इंग्लैंड के खिलाफ अपने टेस्ट डेब्यू मैच की दोनों पारियों में सरफराज खान ने ५० से ज्यादा रन बनाए। वह अपनी पहली पारी में ६२ रन और दूसरी पार में ६८ रन बनाकर नाबाद रहे। रांची में खेले गये चौथे टेस्ट में, अपने टेस्ट डेब्यू मैच में आकाश दीप ने मैच के पहले सेशन में ही इंग्लैंड के ३ विकेट झटक कर टीम इंडिया के सीरीज जीतने के अवसर को शुरुआत में ही मजबूत कर दिया। हो सकता है कि शृंखला के अंतिम टेस्ट मैच में रजत पाटीदार का खेल भी रजत की तरह चमके।
पांचवें टेस्ट में यशस्वी वह इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज में ७०० या उससे अधिक रन बनाने वाले पहले भारतीय बल्लेबाज बनकर इतिहास रचना चाहेंगे। इस आंकड़े को हासिल करने के लिए उन्हें ४५ रनों की जरूरत है। अब तक के इतिहास में इंग्लैंड के पूर्व कप्तान ग्राहम गूच ने १९ ९० में यह उपलब्धि हासिल की। गूच ने ३ टेस्ट मैचों की शृंखला में ही ७५२ रन बना डाले थे। जायसवाल के पास भारत-इंग्लैंड टेस्ट सीरीज में गूच के सर्वाधिक रनों के रिकॉर्ड को तोड़ने का अच्छा मौका है। इस नए कीर्तिमान के लिए जायसवाल को पांचवें और आखिरी टेस्ट में कम-से-कम ९८ रन बनाने होंगे।
भारत की तरफ से सुनील गावस्कर एकमात्र खिलाड़ी हैं, जो एक टेस्ट शृंखला में ७०० या उससे अधिक रन बनाने में सफल रहे हैं। गावस्कर ने अपने करियर में दो बार यह उपलब्धि हासिल की और दोनों ही मौकों पर प्रतिद्वंद्वी वेस्टइंडीज की टीम थी। लिटिल मास्टर ने १९७१ में वेस्टइंडीज के खिलाफ चार मैचों में कुल ७७४ रन बनाए थे। गावस्कर की यह पहली पहली टेस्ट शृंखला थी। इसके बाद १९७८-७९ में खेली गई ६ टेस्ट मैचों की शृंखला में गावस्कर ने छह मैचों में ७३२ रन बनाए। गावस्कर के ५३ साल पुराने रिकॉर्ड को तोड़ने के लिए यशस्वी जायसवाल को १२० रनों की जरूरत है। यशस्वी, क्या आपकी नजर इस रिकॉर्ड पर है।