सामना संवाददाता / मुंबई
महाराष्ट्र में जिस तरह लोकसभा चुनाव में भाजपा की फजीहत हुई है और भाजपा गठबंधन १८४ विधानसभा क्षेत्रों में पिछड़ा है, उसे देखकर बड़े पैमाने पर भाजपा में भगदड़ की तस्वीर बनने जा रही है। एक अनुमान के मुताबिक, कम से कम ३ दर्जन विधायक विधानसभा चुनाव से पहले किसी भी समय भाजपा का साथ छोड़कर महाविकास आघाड़ी का दामन थाम सकते हैं। जबसे उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को इसकी भनक लगी है, उनकी रातों की नींद और दिन का चैन हराम हो गया है।
बता दें कि महाराष्ट्र विधानसभा में कुल २८८ सीटें हैं, जिनमें भाजपा विधायकों की संख्या १०६ है। महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव होने में बस कुछ ही महीने बाकी हैं। ऐसे में ये भाजपा विधायक असमंजस में हैं कि वैâसे अपने भविष्य को सुरक्षित रखें। अभी तक मोदी मैजिक के सहारे भाजपा अपनी नैया चलाती रही है। पर इस बार महाराष्ट्र और यूपी में यह मैजिक नहीं चला।
महाराष्ट्र में नहीं चला पीएम मोदी का मैजिक
महाराष्ट्र में इस बार पीएम मोदी का मैजिक नहीं चला। मुंबई में जिस लोकसभा क्षेत्र में पीएम मोदी ने रोड शो किया था, वहां भाजपा उम्मीदवार मिहिर कोटेचा की हार हो गई। इससे खुद भाजपा के भीतर काफी आश्चर्य व्यक्त किया जा रहा है। महाराष्ट्र में इस बार भाजपा सांसदों की संख्या पिछली बार के मुकाबले आधी से भी काफी कम हो गई। इस बार किसी तरह से भाजपा के सिर्फ ९ सांसद ही लोकसभा में पहुंच पाए हैं। इससे पार्टी की बहुत किरकिरी हुई है। अब राजनीतिक गलियारों में इस बात की जोरदार चर्चा है कि अगर लोकसभा में पार्टी का यह हाल है तो विधानसभा में तो हालत और भी ज्यादा खराब हो जाएगी और सत्ता का जाना तय है। इसका कारण यह है कि विधानसभा चुनाव तो राज्य के स्थानीय मुद्दों पर लड़े जाते हैं।
अब जबसे भाजपा ने गद्दार गुट का साथ लेकर सरकार बनाई है, तब से राज्य में विकास कार्य तो शून्य है ही, सरकार में शामिल तीनों दल किसी तरह अपना कुनबा बचाने की कवायद में जुटे हुए हैं। असली का दावा ठोकनेवाले शिंदे गुट को जनता ने नकली साबित कर दिया है। इसी तरह अजीत पवार गुट भी हाशिए पर पहुंच गया है। दूसरी तरफ लोकसभा चुनाव में महाविकास आघाड़ी को ३१ सीटों पर शानदार सफलता मिली है। ऐसे में आगामी विधानसभा चुनावों में महाविकास आघाड़ी की सरकार बननी तय है। यही बात भाजपा विधायकों को खाए जा रही है। यही कारण है कि करीब ३ दर्जन भाजपा विधायक अपने लिए सेफ सीट खोजने में जुट गए हैं। ऐसी चर्चा है कि वे महाविकास आघाड़ी में अब अपना भविष्य देख रहे हैं और बैक डोर चैनल से इनके संपर्क में हैं। भाजपा के लिए यह एक बड़े खतरे की घंटी है और उसके लिए अपने कुनबे को एकजुट रखने की बड़ी चुनौती है इसलिए भाजपा के अंदरखाने से ऐसी खबरें आ रही हैं कि भाजपा मंत्रिमंडल का विस्तार करके अपने कुछ विधायकों को मंत्री पद का लॉलीपॉप थमा सकती है।
फडणवीस का भी कटेगा पत्ता
लोकसभा चुनाव में दो प्रमुख राज्यों यूपी और महाराष्ट्र में भाजपा की काफी बुरी गत हुई है। ऐसे में योगी और फडणवीस दोनों केंद्रीय नेतृत्व के निशाने पर आ गए हैं और माना जा रहा है कि फडणवीस का पत्ता काटा जाएगा। चर्चा है कि जिस तरह दोनों राज्यों में भाजपा की फजीहत हुई है, उससे केंद्र योगी और फडणवीस को माफ करनेवाला नहीं है।