सामना संवाददाता / मुंबई
लोकसभा चुनाव की लड़ाई जहां चरम पर पहुंच गई है, वही दापोली में शिंदे गुट में भगदड़ मच गई है।
शिरखल दगडवणे के शिंदे गुट के कार्यकर्ता अपनी मूल पार्टी शिवसेना में वापस लौट आए हैं। दापोली में लोकसभा चुनाव से पहले हुए इस राजनीतिक उलटफेर के कारण चुनाव में वोटों के सारे समीकरण बदलने वाले हैं। दापोली में पूर्व विधायक संजय कदम अपने सक्षम नेतृत्व कौशल का उपयोग करके शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) का वर्चस्व बढ़ा रहे हैं। दापोली विधानसभा क्षेत्र में पार्टी में प्रवेश शिवसैनिकों के लिए ऊर्जा का स्रोत साबित हो रहा है, इससे शिवसैनिकों का मनोबल और भी बढ़ रहा है। उद्धव ठाकरे और शिवसेना को अलग नहीं किया जा सकता। इस देश और राज्य को वास्तव में उद्धव बालासाहेब ठाकरे और युवा नेता आदित्य ठाकरे के नेतृत्व की आवश्यकता है। इसे स्वीकार करते हुए पूर्व विधायक संजय कदम, राकेश सकपाल (मुंबई मंडल अध्यक्ष), संतोष जाधव (मुंबई मंडल सचिव), विजय सालेकर (मुंबई मंडल कोषाध्यक्ष) सहित भारी संख्या में कार्यकर्ता शामिल हुए।
संजय कदम दापोली विधानसभा क्षेत्र के लोगों के सुख-दुख में शामिल होते हैं। नवागंतुकों ने सर्वसम्मति से कहा कि वे दापोली की जिम्मेदारी को पूरा करने के लिए एक शिवसैनिक के रूप में संजय कदम के नेतृत्व में शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पार्टी के साथ काम करके संगठन को मजबूत करने के लिए घर वापस लौट आए हैं।