-आटोमोबाइल मैन्यूफैक्चरर्स के समानांतर बनी जालसाजों की इंडस्ट्री
-मुंबई, गुजरात और बिहार तक फैला चोरों का गिरोह
फिरोज खान / मुंबई
मुंबई में जहां लूट, हत्या, डकैती, रेप जैसे संगीन अपराध दिनोंदिन बढ़ रहे है, वहीं शहर में वाहन चोर गिरोह जबरदस्त तरीके से सक्रिय नजर आ रहे हैं। यह गैंग बड़े ही शातिराना अंदाज से दो पहिया और चारपहिया वाहनों की चोरी करते हैं और मुंबई, गुजरात और बिहार के गैराज तक पंहुचाते हैं, जहां चंद घंटों में सारा काम फिट हो जाता है। इस काम में सबसे अव्वल कुर्ला का कबाड़ मार्केट है।
सूत्र बताते हैं कि वाहन चोर गिरोहों का यहां के गैरेज और कबाड़ वालों से अच्छा खासा तालमेल है। आंकड़ों के मुताबिक, मुंबई में प्रति दिन ८ से १० वाहन चोरी हो रहे हैं। इस तरह की हो रही घटनाओं से मुंबईकर काफी परेशान हैं। सबसे अहम बात यह है कि चोरी के वाहनों का पता लगाने में पुलिस नाकाम नजर आ रही है। असल में कुर्ला के कुछ कबाड़ वाले और गैरेज चलाने वाले भंगार के वाहनों को सस्ते दामों में गाड़ी के पेपर सहित खरीद लेते हैं। टू व्हीलर ४ से ५ हजार और फोर व्हीलर २० से २५ हजार का भाव लगाते हैं।
चोरी का कारोबार बेलगाम
सूत्रों के मुताबिक, जब चोरी की गाड़ियां इनके पास पहुंचती हैं तो भंगार के भाव खरीदे गए वाहनों के नंबर प्लेट और उसके पेपर चोरी के वाहनों में सेट कर देते हैं, फिर उसे अच्छे दामों में बेचने का काम करते हैं। इसके अलावा बीमा कंपनियों द्वारा भंगार में उन्हीं गाड़ियों को दिया जाता है, जो किसी दुर्घटना में ७० प्रतिशत से ज्यादा क्षतिग्रस्त हो जाती हैं। इस तरह भी चोरी का कारोबार चल रहा है।
२ माह में ६०० से ज्यादा वाहन चोरी
– वाहन चोर मुंबई में ज्यादा ही सक्रिय
-मुंबई के अलावा गुजरात और बिहार तक इस तरह का फर्जीवाड़ा चल रहा है
पिछले दो महीनों की बात करें तो मुंबई में ६०० से ज्यादा वाहन चोरी हो चुके हैं, जिसका अब तक कोई अता-पता नहीं है। साल २०२३ में २ हजार ७०० वाहन चोरी के मामले दर्ज हुए थे और २०२४ में २ हजार ६०० मामले दर्ज हुए थे, लेकिन इस साल सिर्फ दो महीनों में ६०० शिकायतें दर्ज होने से चिंता का विषय बन गया है।
आंकड़ों से मालूम होता है कि वाहन चोर मुंबई में ज्यादा ही सक्रिय हो गए हैं। पुलिस के मुताबिक, मुंबई में वाहन चोरी अक्सर भीड़भाड़ वाले इलाकों, खासकर लोकल ट्रेन स्टेशनों और बाजारों के आसपास होती है। चोरों को आसानी से वाहन चोरी करने के लिए कुछ जगहों पर कम सुरक्षा मिलती है। सूत्र बताते हैं कि गिरोह किसी भी खास मॉडल, कलर की गाड़ी को टार्गेट करते हैं। इसके बाद वह अपने साथियों के साथ मुंबई, नई मुंबई, ठाणे पूरी रात गश्त लगाते हैं। जैसे ही टार्गेट वाली गाड़ी उन लोगों को मिल जाती है डुप्लीकेट चाबी से गाड़ी का दरवाजा खोला जाता, फिर एक और डुप्लीकेट चाबी से गाड़ी को स्टार्ट कर कुर्ला में एक खास जगह पर रखा जाता है। कुर्ला में चोरी की गई गाड़ियों के इंजन व चेचिस नंबर तक बदल दिए जाते हैं।