सामना संवाददाता / मुंबई
गर्मी और उमस भरा यह मौसम लोगों का पसीना निकाल रहा है। इन सबके बीच सबसे खुशी इस बात की है कि अगले १५ से २० दिनों में मानसून भी आ जाएगा। ऐसे में बारिश के साथ ही मच्छरों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी होगी। इससे डेंगू और मलेरिया जैसी गंभीर बीमारियों की दमदार दस्तक होगी। हालांकि, आनेवाले समय में मलेरिया की चिंता छोड़ देनी है, क्योंकि इस रोग के रोकथाम और इस घातक बीमारी से लड़ने के लिए जेएनयू के वैज्ञानिकों ने एक खास वैक्सीन की खोज की है। इसका टीका रोग का खात्मा करेगा।
उल्लेखनीय है कि मलेरिया एनोफिलिस प्रजाति के मादा मच्छरों के कारण होता है। फिलहाल, भले ही मलेरिया का इलाज होता है। लेकिन समय पर इलाज न कराने पर मरीज की मौत भी हो सकती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की २०२२ की रिपोर्ट में बताया गया है कि दुनिया भर में २४.९ करोड़ लोग मलेरिया से पीड़ित हैं। इसमें से ६०,८०० मरीजों की मौत हो चुकी है। इसलिए शोधकर्ताओं द्वारा मलेरिया को खत्म करने के लिए कई वर्षों से प्रयास किए जा रहे हैं। इसमें अब जेएनयू का शोध भी जुड़ गया है। यह रिसर्च सेल प्रेस की ओर से आईसाइंस जर्नल में प्रकाशित हुआ है। जेएनयू की प्रो. शैलजा सिंह और प्रोफेसर आनंद रंगनाथन की ओर से ये खास रिसर्च किया गया है। सेल प्रेस की ओर से आईसाइंस जर्नल में प्रकाशित उनके रिसर्च में डेवलप वैक्सीन परजीवी के विकास के लिए परजीवी के प्रोहिबिटिन प्रोटीन को एक नए लक्ष्य के रूप में प्रस्तावित करता है।
जेएनयू टीम के हाथ लगी सफलता
स्पेशल सेंटर फॉर मालिक्यूलर मेडिसिन, जेएनयू में प्रोफेसर शैलजा सिंह और प्रो. आनंद रंगनाथन की अगुवाई में शोधकर्ताओं की टीम ने एक नए होस्ट परजीवी इंटरैक्टिंग कॉम्प्लेक्स की खोज की है। यह एक सफल और प्रभावशाली वैक्सीन रणनीति की शुरुआती कुंजी हो सकती है। शैलजा सिंह ने बताया कि रिसर्च में हमने नए पीएचबी२-एचएसपी७०ए १ए रिसेप्टर लिगैंड जोड़ी की पहचान की है, जो परजीवी को मानव मेजबान के अंदर संक्रमित करता है। परजीवी प्रोटीन पीएचबी२ इसलिए एक पावरफुल टीका है।
एंटीबॉडी इलाज ने अंत:क्रिया को रोकने का किया काम
अध्ययन करने वाले वैज्ञानिकों ने पता लगाया कि मेरोजोइट सतह पर पाया जानेवाला पीएफपीएचबी२ प्रोटीन, लाल रक्त कोशिका सतह हीट-शॉक प्रोटीन एचएसपी७०ए१ए के साथ मिलकर क्रिया करता है। एंटाबॉडी ट्रीटमेंट ने इस अंत:क्रिया को रोका है। इससे मलेरिया पैरासाइट के जीवाणु खत्म हो जाएंगे।