सामना संवाददाता / मुंबई
घाती सरकार के निर्देश पर सरकारी अस्पतालों में अब अजीब नीति लागू होने जा रही है। इस नई नीति में बताया गया है कि सरकार स्वास्थ्य विभाग के अस्पतालों में सुलभ शौचालय और स्नान के प्रबंध के साथ ही आवास की भी सुविधा उपलब्ध कराने जा रही है। इसके तहत मरीजों के रिश्तेदारों से स्नान करने पर १० रुपए और शौच पर पांच रुपए का शुल्क वसूलने की तैयारी की गई है। सरकार ने इस तरह की अजीब नीति को लागू करते हुए उसी तरह का तर्क देते हुए कहा है कि ये खासकर महिलाओं के लिए सुविधाओं की कमी के बारे में लंबे समय से चली आ रही चिंताओं को दूर करेगा। उल्लेखनीय है कि स्वास्थ्य विभाग राज्य भर में ५७ स्वास्थ्य संस्थानों में सुलभ शौचालय, स्नान सुविधाएं और आवास स्थापित करेगा। इसमें २०० बेडों की क्षमता वाले १२ और १०० बेड की क्षमता वाले ४५ अस्पताल शामिल हैं। सरकार ने इस परियोजना के लिए ४०९.२ करोड़ रुपए भी आवंटित किए हैं, जिसमें निर्माण और रखरखाव दोनों लागतें शामिल हैं। नई नीति के तहत शौचालय के उपयोग के लिए प्रति व्यक्ति ५ रुपए और स्नान की सुविधा के लिए प्रति व्यक्ति १० रुपए की सीमा तय की जाएगी। इसी के साथ ही आवास शुल्क २० घंटे तक के लिए प्रति व्यक्ति १०० रुपए होगा। स्वास्थ्य विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि हमें कई सालों से रिश्तेदारों, खासकर महिलाओं के लिए उचित सुविधाओं की कमी के बारे में शिकायतें मिल रही हैं, जिन्हें असहज और असुरक्षित परिस्थितियों में रहने के लिए मजबूर होना पड़ता है। अधिकारी ने कहा कि इस पहल से उन्हें सुरक्षित, सुलभ आवास और सबसे महत्वपूर्ण बात अलग शौचालय उपलब्ध होंगे।