जानकारी छिपाने का है संदेह
सामना संवाददाता / मुंबई
मुंबई शहर और उपनगरों में जिस रफ्तार से आवारा कुत्तों की संख्या बढ़ते जा रही है, उसी गति से उनके काटने की घटनाएं भी बढ़ रही हैं। हालांकि, सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि मनपा के स्वास्थ्य विभाग से जब इसकी जानकारी मांगी गई तो विभाग की तरफ से कोई भी जानकारी नहीं दी गई। कुल मिलाकर मनपा के पास कुत्तों के काटने के सही आंकड़े ही नहीं हैं। ऐसे में संदेह जताया जा रहा है कि मनपा सारी जानकारी छिपा रही है।
उल्लेखनीय है कि मनपा के स्वास्थ्य विभाग से २०१४ से २०२३ के बीच मुंबई में कितने लोगों को कुत्तों ने काटा, इसकी जानकारी मांगी गई थी। हालांकि, मनपा के स्वास्थ्य विभाग की ओर से किसी तरह की कोई ठोस जानकारी नहीं दी गई। दूसरी तरफ अन्य स्रोतों से मिली जानकारी के मुताबिक मुंबई में साल २०२० से २०२३ के बीच कुत्तों के काटने के ३,५०८ मामले सामने आए हैं। इसके साथ ही पालतू कुत्तों के ४९ मालिकों को नोटिस जारी किया गया है। सूत्रों के मुताबिक, ये नोटिस लाइसेंस के नवीनीकरण के लिए जारी किए गए हैं। साल २०२० में डॉग बाइट की ६१० घटनाएं हुर्इं, जबकि साल २०२३ में १,१२३ घटनाएं हुर्इं। इस बीच यह भी जानकारी सामने आई है कि पिछले पांच वर्षों में रात के समय कुत्तों को खाना खिलाने की संख्या दोगुनी हो गई है।
आठ हजार कुत्तों का हुआ टीकाकरण
मनपा ने २८ सितंबर से मुंबई में आवारा कुत्तों के लिए रेबीज टीकाकरण अभियान चलाया है। यह अभियान मनपा के सभी प्रशासनिक विभागों में चलाया जा रहा है। इसके तहत अब तक आठ हजार से अधिक कुत्तों का टीकाकरण किया जा चुका है। इससे पहले २०१४ से २०२३ तक नगरपालिका की ओर से १ लाख ७२ हजार कुत्तों का टीकाकरण किया जा चुका है।