– ढाई साल से नहीं मिला पोषण आहार का पैसा
सामना संवाददाता / मुंबई
राज्य में महायुति सरकार अपनी राजनीति में व्यस्त है। जब से आई है तब से मंत्रियों की नाराजगी मिटाने तो कही उनके विभागों के बंटवारे को लेकर कूटनीति में व्यस्त है। जबकि राज्य के कई निजी अनुदानित और नगर परिषद के स्कूलों को स्कूली पोषण आहार योजना का पैसा पिछले ढाई साल से नहीं मिला है। ऐसे स्कूली छात्रों को पिछले कई महीनों से पानी पीकर दिन गुजारना पड़ रहा है। इसके साथ ही सरकार छोटे बच्चों के स्वास्थ्य के साथ भी खिलवाड़ कर रही है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, राज्य में कई निजी स्कूलों एवं सरकारी स्कूलों में पोषण आहार योजना के लिए पिछले ३१ महीनों का भुगतान नहीं मिला है। जून २०२२ से ३१ मार्च २०२४ तक की राशि लंबित होने के कारण कई स्कूलों की आर्थिक स्थिति खराब हो गई है। इस वजह से विद्यार्थियों को पोषण आहार उपलब्ध कराने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। यह मामला तब सामने आया जब वर्धा जिले के कई स्कूलों के प्राध्यापकों ने खुलकर नाराजगी जताई। जिले के साने गुरुजी उच्च प्राथमिक विद्यालय के अध्यक्ष अशोक झाडे ने शिक्षा राज्यमंत्री डॉ. पंकज भोयर को निवेदन देकर पोषण आहार के लंबित भुगतान को तत्काल जारी करने की मांग की है।
शासन की अनदेखी से स्कूलों को समस्या
पोषण आहार उपलब्ध कराने के लिए सरकार की ओर से स्कूलों को अनुदान दिया जाता है। सरकार ने स्कूलों के लिए पोषण आहार देना अनिवार्य किया है, लेकिन अनुदान जारी करने में देरी के कारण स्कूलों को भारी परेशानी हो रही है।
वर्धा शहर की ३६ निजी अनुदानित और नगर परिषद के स्कूलों को २१ महीने से अनुदान नहीं मिला है। इस लंबित भुगतान को लेकर स्कूल प्रबंधन समिति ने आयुक्त और पुणे के शिक्षा निदेशक को ज्ञापन सौंपा। इसके अलावा, वर्धा पंचायत समिति ने भी इस मुद्दे पर कार्रवाई के लिए शिक्षा निदेशक को पत्र भेजा। फिर भी कोई हल न निकलने के कारण शिक्षा राज्यमंत्री डॉ. पंकज भोयर को निवेदन देकर इस समस्या को हल करने की मांग की गई है।