मुख्यपृष्ठग्लैमर‘सुष्मिता, अमीषा मेरे जीवन में थीं!'-विक्रम भट्ट

‘सुष्मिता, अमीषा मेरे जीवन में थीं!’-विक्रम भट्ट

हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के मशहूर निर्देशकों में से एक विजय भट्ट ने अपने जमाने में ‘गूंज उठी शहनाई’ जैसी सफल फिल्में दीं। विजय भट्ट के पोते विक्रम भट्ट की फिल्म ‘तुमको मेरी कसम’ रिलीज हो चुकी है, इंदिरा आईवीएफ जैसे महत्वपूर्ण मुद्दे पर आधारित है, जो नि:संतान दंपतियों के लिए वरदान है। पेश है, विक्रम भट्ट से पूजा सामंत की हुई बातचीत के प्रमुख अंश-

‘तुमको मेरी कसम’ फिल्म क्या डॉक्टर अजय मुर्डिया की बायोपिक है?
यह डॉ. अजय मुर्डिया की बायोपिक नहीं है। डॉ.मौर्या इंदिरा आईवीएफ (इन विट्रो फर्टिलाइजेशन) के फाउंडर है। ‘तुमको मेरी कसम’ उनके द्वारा बताई गई सच्ची घटनाओं, पारिवारिक मसलों और उन नि:संतान दंपतियों के जीवन को दर्शाती है, जो संतान सुख से मरहूम रह गए।

आपकी डॉ. मुर्डिया से मुलाकात कैसे हुई?
डॉ. मुर्डिया और मेरे एक कॉमन फ्रेंड हैं, उनसे मुझे पता चला कि डॉ. मुर्डिया मुझसे मिलना चाहते हैं। जब हम उनसे मिले तो उन्होंने कहानी के साथ ही घटनाओं का जिक्र करते हुए बताया कि यह एक बहुत बड़ा सामाजिक इश्यू है। अगर फिल्म देखने के बाद समाज के नि:संतान दंपतियों को फायदा होता है तो यह समाज का फायदा है। उन्होंने बताया कि जिस कपल को बच्चा नहीं होता वे खामोश रहते हैं, लेकिन आईवीएफ टेक्निक नहीं अपनाते। मर्दानगी पर संदेह के भय से मर्द आईवीएफ टेक्निक का इस्तेमाल करने से कतराते हैं।

सुष्मिता सेन और अमीषा पटेल के साथ रिश्ता आगे क्यों नहीं बढ़ पाया?
सुष्मिता सेन और अमीषा पटेल मेरे जीवन में थीं, लेकिन अब इन बातों को दोहराने का क्या फायदा? मेरी बेटी कृष्णा बड़ी हुई है, जो मेरे साथ मेरे प्रोडक्शन में काम करती है। उन बातों को दोहराकर मैं पत्नी और बेटी के दिलों को अब आहत नहीं करना चाहता। जो बीत गई सो बीत गई।

क्या आप सुष्मिता और अमीषा को दोबारा कास्ट करेंगे?
प्रोफेशनल लेवल पर मैं उनके साथ काम कर सकता हूं। अगर उनके लायक कोई रोल हो तो मैं खुद उनसे संपर्क करूंगा, लेकिन क्या वे मेरी फिल्मों में काम करना चाहेंगी। यह सवाल आपको उनसे पूछना पड़ेगा।

ईशा देओल की वापसी कैसी है?
ईशा देओल ने मेरे साथ फिल्म ‘अनकही’ में काम किया था। उन्होंने फोन कर मुझे बताया कि अब उनके बच्चे बड़े हो गए हैं और वो फिल्मों में वापसी करना चाहती हैं। जब मैंने वकील का रोल ईशा को ऑफर किया तो उसने उस रोल को तुरंत स्वीकार कर लिया। ईशा के प्रति मैं काफी प्रोटेक्टिव हूं।

क्या महेश भट्ट आपके बॉस हैं?
भट्ट साहब ने मुझे बतौर सहायक मौका देते हुए काम सिखाया। मैं उनका असिस्टेंट था और हमेशा रहूंगा। उन्होंने मुझे उस समय ब्रेक दिया जब मैं फिल्ममेकिंग नहीं जानता था। जो सीखा उन्हीं से सीखा। वे हर लिहाज से मुझसे बड़े हैं। उन्होंने मेरा हाथ पकड़कर मुझे उस विपदा से बाहर निकाला। मैं तो कहता हूं कि भट्ट साहब ने मुझे फिल्ममेकिंग नहीं, बल्कि जिंदगी सिखाई और उसी जिंदगी से ही तो फिल्में बनती हैं, इसलिए भट्ट साहब मेरे बॉस हैं और हमेशा रहेंगे।

क्या फिल्मों की असफलता से कभी आप निराश हुए?
लगातार ९ फिल्में फ्लॉप होने पर इंडस्ट्री में जैसे मेरा पैकअप ही हो गया था। मैं काफी डिप्रेशन से गुजरा। आर्थिक परेशानियों के साथ ही करियर के लगभग डूब जाने जैसी कई तकलीफों से मैं गुजरा। जब मेरी फिल्में फ्लॉप हुर्इं तो बड़े स्टारों ने मेरा फोन उठाना बंद कर दिया।

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