राज ईश्वरी
गीता में लिखा है ‘परिवर्तन संसार का नियम है।’ बात गीता की है तो यह सार्वभौमिक है, यानी पूरे ब्रह्मांड पर लागू होती है। अमेरिका भी ब्रह्मांड के एक छोटे से ग्रह धरती का हिस्सा है। यह बात अलग है कि अमेरिका को हमेशा यह लगता है कि वह दुनिया का झंडा बरदार है। वहां पर अभी-अभी सत्ता परिवर्तन हुआ है और ट्रंप अमेरिका के राष्ट्रपति चुने गए हैं। डोनाल्ड ट्रंप रईसों के रईस है तो उन्होंने और एक रईस को अपना ‘साथी’ चुना है ताकि अमेरिका का चेहरा मोहरा बदल जाए!
अब आप सोच रहे होंगे की शुरुआत गीता से हुई और ट्रंप तक पहुंच गई…! बात परिवर्तन की है तो यह हृदय परिवर्तन भी हो सकता है संबंधों में परिवर्तन भी हो सकता है… ट्रंप ने जिसे अपना सहयोगी चुना है उसका नाम है मस्क यानी एलन मस्क! ये वही मस्क हैं जिन्होंने ६-७ साल पहले ट्रंप को ठग और महामूर्ख कहा था! लोग सोच रहे थे, होना तो यह चाहिए था कि ट्रंप को एलन से बदला लेना चाहिए था, लेकिन नहीं उन्होंने उन्हें अपनी विशेष टीम का हिस्सा बना लिया एलन का काम क्या होगा? एलन उनकी नई सलाहकार संस्था डीओजीई के चीफ होंगे! एलन ट्रंप की सरकार की दक्षता बढ़ाएंगे। हालांकि, अमेरिका की आर्थिक स्थिति मजबूत है बावजूद इसके उद्योग व्यवसाय क्षेत्र सरकार की क्षमता और फिजूल खर्ची से हताश है। ट्रंप को लगता है कि सरकारी सिस्टम में परिवर्तन वक्त की मांग है और वह काम बखूबी एलन मस्क कर सकते हैं।
डीओजीई अमेरिका के सालाना बजट में १६८ लाख करोड़ रुपए की कटौती करेगा, फिलहाल जो ५९१ लाख करोड़ है।
वैसे यह ट्रंप की मजबूरी भी है! उन्हें चीन को भी जवाब देना है! उन्हें पता है कि चीन जिस तरह से अपने आप को नई महाशक्ति के तौर पर साबित करने में लगा हुआ है कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहा। ऐसे में एलन मस्क जैसा चालाक समझदार धंधेबाज बिजनेस मैन जो क्रिप्टोकरंसी, ऑटोनॉमस व्हीकल से लेकर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और अंतरिक्ष तक अपनी गहरी पैठ बन चुका है वह अच्छी तरह चीन से अच्छी तरह टक्कर देने में कामयाब हो सकता है सरकारी सपोर्ट के साथ। हालांकि, चीन में भी एलन का अच्छा खासा धंधा चल रहा है लेकिन वह धंधे के गुर जानता है।
लेकिन ट्रंप और मस्क दोनों ही ‘मूडी’ हैं और दोनों के ईगो अपने चरम पर! बस यही टकरा न जाएं! वैसे भी दोनों समझदार हैं… और शुरुआत में हम कह ही चुके हैं कि परिवर्तन संसार का नियम है।