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झांकी : रामराज में बच्चे असुरक्षित

अजय भट्टाचार्य

भगवान राम ने लोकजीवन की मर्यादा को बचाए रखने के लिए राजपाट छोड़ दिया था। उन्हीं राम को वापस लाने का दंभ भर रहे लोग शकुनि नीति पर आगे बढ़ते हुए धर्म के नाम पर घनघोर अधर्म करने को भी राम काज मानते हैं। बहरहाल, अयोध्यानगर के हैदरगंज वॉर्ड के पूर्व भाजपा नामित सभासद सरदार अजीत सिंह को कोतवाली नगर की पुलिस ने गिरफ्तार किया है। पूर्व नामित भाजपा के पार्षद अजीत सिंह के खिलाफ जालौन-उरई की पोक्सो एक्ट की विशेष अदालत ने गैर जमानती वारंट जारी किया था, जिसके बाद अब उनकी पेशी कल यानी २६ अप्रैल को होनी है। पोक्सो एक्ट यानी बच्चों का संभोग से बचाव कानून, २०१२ में भारतीय सरकार द्वारा अधिनियमित किया गया था। इसका उद्देश्य बच्चों को संभोग, पोर्नोग्राफी और शोषण से बचाव के लिए एक कानूनी ढांचा प्रदान करना था। इसका लक्ष्य बच्चों के लिए एक सुरक्षित वातावरण बनाना था, जिसमें उत्पीड़न कर्ताओं को सजा देते हुए कठोर कार्रवाई की व्यवस्था है। देश का गृहमंत्री मुनादी करता है कि उत्तर प्रदेश में रात १२ बजे जेवर पहनकर स्कूटी चलाकर जाती महिला/युवती सुरक्षित है, जबकि यह मामला दर्शाता है कि युवतियां/महिलाएं तो दूर छोटे बच्चे-बच्चियां भी सुरक्षित नहीं हैं। बाबा का बुलडोजर अब तक सरदार जी के घर का रास्ता नहीं ढूंढ़ पाया है।

(बद)सूरत खेल
लोकसभा चुनाव २०२४ की सरगर्मियों के बीच इस बार गुजरात की सूरत सीट काफी हॉट बनी हुई है। पिछले हफ्ते से यह सीट विवादों में है। चर्चा का विषय कांग्रेस से निकाले गए नेता नीलेश कुंभानी रहे। पहले भाजपा ने खेला करके उनका नामांकन रद्द करा दिया, फिर बाकी ८ उम्मीदवारों ने अपने नामांकन वापस ले लिए और भाजपा प्रत्याशी मुकेश दलाल निर्विरोध चुनाव जीत गए। जिला कलेक्टर की तरफ से उनकी जीत का एलान भी कर दिया गया। उन्हें सर्टिफिकेट भी दे दिया गया। इसके बाद कार्रवाई करते हुए कांग्रेस ने नीलेश कुंभानी को पार्टी से निष्कासित कर दिया। अब चर्चा है कि नीलेश कुंभानी भाजपा में घुसने जा रहे हैं। इसी हफ्ते उनके भाजपा के तंबू में दरी बिछाते देखने की उम्मीद है। नीलेश का नामांकन रद्द होने के बाद कांग्रेसी भड़क गए हैं। कांग्रेसियों ने नीलेश पर ही गड़बड़ी करने के आरोप लगाए। नाराजगी जताते हुए कांग्रेसियों ने नीलेश के घर के बाहर विरोध प्रदर्शन भी किया। कांग्रेसी नीलेश को गद्दार और लोकतंत्र का हत्यारा बता रहे हैं, वहीं कांग्रेस ने भाजपा प्रत्याशी मुकेश दलाल की निर्विरोध जीत के खिलाफ चुनाव आयोग का दरवाजा खटखटाया है। कांग्रेस ने मांग की है कि मुकेश दलाल को अयोग्य करार देकर उनकी जीत रद्द की जाए। सूरत में नए सिरे से मतदान कराया जाए। सूरत में फिक्सिंग हुई है। अनुचित तरीके से उम्मीदवारों का खेल हुआ है। भाजपा ने यह गेम खेला है इसलिए सूरत के मामले में चुनाव आयोग हस्तक्षेप करे और मामला साफ करे। १९८९ से सूरत लोकसभा सीट भाजपा का गढ़ रही है। पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई इस सीट से ५ बार लोकसभा चुनाव जीते थे।

परेशानी
इन दिनों अवकाशप्राप्त जीवन जी रहे भारत के पूर्व उपराष्ट्रपति और भाजपा नेता एम वेंकैया नायडू ने अपनी पार्टी छोड़कर दूसरों के लिए चुनाव लड़ने और शामिल होने वाले नेताओं की आलोचना करते हुए कहा है कि यह एक ‘परेशान करने वाली प्रवृत्ति’ है और उन्होंने दल-बदल विरोधी कानून को मजबूत करने का आह्वान किया। नायडू ने पार्टियों द्वारा चुनाव से पहले मुफ्त सुविधाओं की घोषणा करने पर भी कड़ी आपत्ति जताई और कहा कि केवल शिक्षा और स्वास्थ्य ही मुफ्त होना चाहिए। बकौल, नायडू सुबह आप एक पार्टी में होते हैं, दोपहर को आप दूसरी पार्टी में शामिल हो जाते हैं। अगले दिन आपको चुनाव लड़ने के लिए टिकट मिल जाता है। पहले, आप अपने नए नेता की प्रशंसा कर रहे हैं और फिर आप अपने पूर्व नेता को गाली दे रहे हैं। यह एक नया चलन है। आज आप किसी की तारीफ कर रहे थे, कल आप दूसरी पार्टी में शामिल हो गए और पहले नेता को गाली दे दी। यह एक परेशान करने वाली प्रवृत्ति है। नायडू ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से पद्म विभूषण पुरस्कार प्राप्त करने के एक दिन बाद नई दिल्ली में आयोजित एक समारोह में कहा। उन्होंने कहा कि वह किसी ‘विशेष पार्टी’ का जिक्र नहीं कर रहे थे, बल्कि सामान्य तौर पर बात कर रहे थे। अब यह ‘विशेष पार्टी’ कौन सी है इस पर नायडू का मौन समझा जा सकता है। पिछले एक दशक में दूसरे दलों से नेता आयात करने का चलन किस पार्टी में सबसे ज्यादा है? नायडू को नहीं पता! हद है…।

(लेखक वरिष्ठ पत्रकार एवं स्तंभकार हैं तथा व्यंग्यात्मक लेखन में महारत रखते हैं।)

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