अजय भट्टाचार्य
राजस्थान में लोकसभा परिणामों पर भाजपा की समीक्षा बैठकें चल रही हैं। ऐसी ही एक बैठक में भरतपुर लोकसभा सीट पर अपनी हार का ठीकरा रामस्वरूप कोली ने भाजपा विधायकों और नेताओं पर फोड़ा है। कोली का कहना है कि विधायकों ने कांग्रेस प्रत्याशी संजना जाटव को कन्यादान में वोट देने के लिए लोगों से कहा। वैर से विधायक बहादुर कोली की पूरी टीम ने मेरा विरोध किया है। पहले विधानसभा के उपचुनाव में भी हराया और अब लोकसभा के चुनाव में भी। बहादुर कोली ने लोगों से कहा कि संजना जाटव को कन्यादान करना है। लोगों ने मुझसे कहा है और कुछ लोगों के पास रिकॉर्डिंग है। लोगों ने कन्यादान के रूप में संजना को वोट दिया है। मैंने संगठन के सामने भी इस बात को रखा है। अन्य विधायकों ने मात्र दो दिन का समय दिया। कामां विधायक नौक्षम चौधरी मेरा फोन ही नहीं उठाती थी। चुनाव से पहले कई मंडल अध्यक्ष बदल दिए। मुझे हराने में अपना ही संगठन है। इस पर विधायक बहादुर कोली का कहना है कि रामस्वरूप कोली का चुनाव हारने का मुख्य कारण रहा कि कांग्रेस प्रत्याशी संजना जाटव फ्रेश चेहरा थीं। उसके बाद जाट समाज में आरक्षण की मांग को लेकर चलाया गया गंगाजल अभियान और गुर्जर मतदाता सचिन पायलट की वजह से कांग्रेस की तरफ चले गए। इसके अलावा २००४ में जब रामस्वरूप बयाना से सांसद बने थे, उन पर कबूतरबाजी का आरोप लगा था। जैसे ही इस चुनाव के लिए रामस्वरूप को टिकट मिला तो लोग कहने लगे कबूतरबाज आ गया। रामस्वरूप कोली को पहली लिस्ट में ही टिकट मिल गया था, लेकिन वो चंदा इकट्ठा करते रहे।
समीक्षा फल
अयोध्या आधारित फैजाबाद लोकसभा सीट पर हुई हार को भाजपा पचा नहीं पा रही है। समीक्षा दर समीक्षा और बैठकों का दौर चल रहा है। पिछले हफ्ते इसी तरह की एक समीक्षा बैठक के लिए बाबाजी की सरकार में कैबिनेट मंत्री सूर्य प्रताप शाही और जयवीर सिंह ने कुछ लोगों को बुलाया था। बैठक में अयोध्या के एक मंदिर के महंत भी आमंत्रित थे। कहते हैं कि चाय से ज्यादा केतली गरम होती है, महंत जी फैजाबाद की हार से लगी आग पर बनाई गई चाय की केतली बने नजर आ रहे थे। महंत परंपरा का एक महंत सूबे का मुखिया है, उसने भी इस हार पर किसी खास जाति, अफसर या मतदाता पर कोई टिप्पणी नहीं की। बहरहाल, समीक्षा बैठक में पहुंचे अयोध्या के महंत ने फैजाबाद में भाजपा की हार के लिए जिला प्रशासन की हालिया कार्रवाई को जिम्मेदार ठहराया। इस पर जिला मजिस्ट्रेट नीतीश कुमार के साथ उनकी बहस हुई। बिना अगले दिन का इंतजार किए अयोध्या पुलिस ने समीक्षा कथा प्रसंग का प्रसाद स्वरूप महंत को मुहैया कराया, पुलिस सुरक्षा गनर रात को ही वापस ले लिया।
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार एवं स्तंभकार हैं तथा व्यंग्यात्मक लेखन में महारत रखते हैं।)