मुख्यपृष्ठखबरेंझांकी  : झारखंड भाजपा अध्यक्ष बदला

झांकी  : झारखंड भाजपा अध्यक्ष बदला

अजय भट्टाचार्य

झारखंड में विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा ने अध्यक्ष बदल दिया है। सांसद रविंद्र कुमार को कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया है। बाबूलाल मरांडी जुलाई २०२३ से अध्यक्ष का पद संभाल रहे हैं। उन्हें पार्टी ने धनवार से प्रत्याशी बनाया है। प्रदेश में चुनाव से पहले बाबूलाल मरांडी को अध्यक्ष पद से हटाकर रविंद्र कुमार राय को कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त करने पर कई राजनीतिक विश्लेषक अचंभित हैं। ऐसा पहले भी होता आया है कि एक नेता पार्टी का अध्यक्ष होता है और विधानसभा का चुनाव भी लड़ रहा होता है। लगता है कि पार्टी ने मरांडी को प्रâी हैंड देने के लिए और अपने क्षेत्र में सक्रियता बढ़ाने को लेकर भी ऐसा पैâसला किया हो, लेकिन मरांडी प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री और दिग्गज नेता रह चुके हैं। ऐसे में उनकी अपने क्षेत्र में सक्रियता हो, ऐसा भी जरूरी नहीं है, बल्कि वे तो अध्यक्ष होने के नाते पूरे प्रदेश में वैंâपेन चलाते। रविंद्र कुमार राय संघ की पृष्ठभूमि से आते हैं। वे झारखंड के कोडरमा से २०१४ से २०१९ तक सांसद रह चुके हैं। इससे पहले वे १९८५ और १९९० में बगोदर और राजधनवार से चुनाव हार चुके हैं। राय बाबूलाल मरांडी की पहली सरकार में दूसरे नंबर के व्यक्ति थे। इसके बाद मुंडा सरकार बनवाने में भी राय की महत्वपूर्ण भूमिका थी। इससे पहले वे २०११ में पार्टी के अध्यक्ष रह चुके हैं।
वोट दो, चिकन-भात मुफ्त खाओ
आदर्श रांची की वेंडर मार्वेâट के बगल में स्थित नगर निगम के पार्विंâग स्टॉल में अपना आदर्श नॉनवेज स्टॉल लगाते हैं। आदर्श ने लोकसभा चुनाव में करीब ५०० लोगों को प्रâी मुर्गा-भात खिलाया था। इस बार भी उन्होंने घोषणा की है कि जो भी व्यक्ति वोट डालकर आएगा, उसे सिर्फ अपनी उंगली पर लगी स्याही दिखानी होगी। इसके बाद वह मुफ्त चिकन-चावल का आनंद ले सकेगा। चिकन के बड़े वाले दो पीस के साथ चावल परोसा जाएगा। ग्रेवी अनलिमिटेड मिलेगी। उनका मकसद हमेशा से लोगों को जागरूक करने का रहा है। वे चुनावों के दौरान लोगों के लिए कुछ नया करने की सोचते हैं, ताकि लोग वोटिंग करने में पीछे नहीं रहें। लोग चाहें तो क्या नहीं कर सकते? हर व्यक्ति के हाथ में कुछ न कुछ होता है। वह अपने तरीके से लोगों को किसी भी अच्छे काम के प्रति जागरूक कर सकता है। मेरी जो मुहिम है, मुझे लगता है कि लोगों को जागरूक करने के लिए अलग से कोई टाइम नहीं निकालना। जागरूक लोग खुद मेरे पास चलकर आएंगे।
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार एवं स्तंभकार हैं तथा व्यंग्यात्मक लेखन में महारत रखते हैं।)

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