अजय भट्टाचार्य
राजस्थान विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा की तरफ से वादा किया गया था कि राज्य की होनहार छात्राओं को सरकार की तरफ से प्रâी में स्कूटी दी जाएगी। चुनाव जीतने के बाद राज्य की भजनलाल सरकार ने छात्राओं को देने के लिए १८५ करोड़ रुपए की २९ हजार स्कूटी खरीद भी लीं, लेकिन अभी तक इनकी चाबी छात्राओं के हाथों में नहीं दी गई। नतीजतन, १८५ करोड़ रुपए की स्कूटी कबाड़ बन रही हैं। इन्हें कबाड़ बनाने के लिए सरकारी अधिकारियों ने २०० करोड़ रुपए की तैयारी कर ली है, जिसको लेकर राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप भी तेज हो गए हैं। कबाड़ बनकर खड़ी स्कूटियों का बेड़ा यह बताने के लिए काफी है कि राजस्थान में सरकारी सिस्टम किस तरह अच्छी योजनाओं और उसके लिए जारी बजट को बर्बाद करता है।
चार घाट के ‘पानी’
बंचनिधि पानी इस सप्ताह अमदाबाद नगर आयुक्त के रूप में कार्यभार संभालने वाले हैं, इस कदम को कई लोग सरकार द्वारा एक सुविचारित निर्णय के रूप में देखते हैं। पानी के पास एक अनूठा रिकॉर्ड है, क्योंकि वह चार प्रमुख शहरों-वडोदरा, राजकोट, सूरत और अब अमदाबाद में नगर आयुक्त के रूप में काम करनेवाले एकमात्र आईएएस अधिकारी हैं। शहरी शासन में उनका व्यापक अनुभव उन्हें इस भूमिका के लिए एक मजबूत विकल्प बनाता है, खासकर अगले साल की शुरुआत में होने वाले नगर निगम चुनावों के साथ। जब तक वह अपने नए पद पर आसीन होंगे, तब तक चुनाव का मौसम पूरे जोरों पर होगा।
टीवीके और पीके
परसों दोपहर तमिल अभिनेता से नेता बने विजय की चेन्नई स्थित उनके आवास पर राजनीतिक रणनीतिकार से नेता बने प्रशांत किशोर से मुलाकात ने अफवाहों का बाजार गर्म कर दिया है। हालांकि, विजय की तमिलगा वेत्री कझगम (टीवीके) पार्टी ने किशोर की इस मुलाकात को कमतर आंकते हुए इसे एक ‘शिष्टाचार भेंट’ बताया है, इससे ज्यादा कुछ नहीं समझा जाना चाहिए। यह किसी रणनीतिकार द्वारा किसी राजनेता को सलाह देने की बात नहीं है, बल्कि पिछले साल अपनी-अपनी पार्टी शुरू करनेवाले दो नेताओं के बीच चर्चा है। लेकिन राजनीतिक हलकों में अटकलें लगाई जा रही हैं कि अगले साल विधानसभा चुनाव से पहले दोनों के एक साथ आने से राज्य में विपक्ष की रूपरेखा वैâसे बदल सकती है।
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं और देश की कई प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में इनके स्तंभ प्रकाशित होते हैं।)