मुख्यपृष्ठस्तंभझांकी : किरोड़ी ने कुर्सी छोड़ी

झांकी : किरोड़ी ने कुर्सी छोड़ी

अजय भट्टाचार्य
लोकसभा चुनाव के एक महीने बाद राजस्थान के कृषि मंत्री किरोड़ीलाल मीणा ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। जाहिर तौर पर इसे लोकसभा चुनाव परिणाम से जोड़कर देखा जा रहा है। किरोड़ी लाल मीणा ने दावा किया था कि लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब रोड शो के लिए दौसा आए थे, तब उन्होंने उन्हें ७ सीटों को जीतने की जिम्मेदारी दी थी। मीणा ने कहा था कि अगर इन सात सीटों में से एक भी सीट भाजपा हार गई तो वो वैâबिनेट मंत्री के पद से इस्तीफा दे देंगे। मीणा जिन ७ सीटों की बात कर रहे थे उनमें दौसा, टोंक सवाई माधोपुर, भरतपुर, करौली-धौलपुर, कोटा-बूंदी, भीलवाड़ा और जयपुर ग्रामीण शामिल थीं। इनमें से ४ सीटों पर भाजपा की हार हुई है। हालांकि बकौल मीणा मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने उन्हें इस्तीफा देने से मना किया था। मीणा १० दिन पहले अपना इस्तीफा सौंप चुके थे, लेकिन इसका एलान उन्होंने कल किया। उन्होंने कहा, `मैं अपने वादों से नहीं मुकरता।’ दरअसल, लोकसभा चुनाव परिणाम आने के बाद से ही उनके इस्तीफे को लेकर कयास लगाए जा रहे थे। लोकसभा चुनाव नतीजों के दिन जब ४ सीटों पर भाजपा हार गई और सोशल मीडिया पर उनके इस्तीफे की चर्चाएं चलने लगीं तो उन्होंने अपने ट्विटर अकाउंट पर लिखा, `रघुकुल रीत सदा चली आई, प्राण जाए पर वचन न जाई।’ इसके बाद फिर किरोड़ी लाल मीणा ने अपने इस्तीफे के एलान के बाद एक्स पर श्रीरामचरितमानस की वही दो लाइन दोहराई हैं, जो उन्होंने ४ जून को लोकसभा चुनाव नतीजे जारी होते वक्त लिखी थीं। बताया जा रहा है कि उन्हें जो मंत्रालय मिला था, उससे उनके समर्थक खुश नहीं थे। सूत्रों की मानें तो किरोड़ी लाल भी किसी बड़े विभाग और मंत्रालय की उम्मीद में थे। लोकसभा चुनाव के दौरान यह बात भी चर्चा में आई थी कि दौसा सीट से किरोड़ी लाल अपने भाई के लिए टिकट मांग रहे थे, लेकिन पार्टी ने कन्हैयालाल मीणा को टिकट दे दिया।

मंत्री पत्नी ने कराई किरकिरी
आंध्र प्रदेश के परिवहन मंत्री मंडीपल्ली रामप्रसाद रेड्डी और उनकी पत्नी हरिथा रेड्डी केवल विपक्ष ही नहीं, बल्कि अपनी भी पार्टी के निशाने पर हैं। हरिथा ने कथित तौर पर एक पुलिस सब-इंस्पेक्टर को फटकार लगाई, क्योंकि वह उन्हें एक समारोह में ले जाने के लिए देर से पहुंचे थे। हरिथा न तो निर्वाचित सदस्य हैं और न ही उनके पास कोई पद है, लेकिन वह रायचोटी में एक समारोह में भाग लेने गई थीं, जहां से उनके पति हाल ही में निर्वाचित हुए थे। यह समारोह सत्तारूढ़ तेलुगू देशम पार्टी द्वारा किए गए वादे के अनुसार, बढ़ी हुई वरिष्ठ नागरिक पेंशन वितरित करने के लिए आयोजित किया गया था। किसी ने मंत्री जी की पत्नी को बताया कि प्रोटोकॉल के अनुसार एसआई उनके साथ जाएंगे, लेकिन ऐसा कोई प्रोटोकॉल नहीं है। उस गलतफहमी के कारण, उन्हें आधे घंटे से अधिक समय तक इंतजार करना पड़ा और जब चिन्नामंडम पुलिस स्टेशन के एसआई रमेश बाबू को यह पता चला तो वे वहां पहुंचे। रमेश बाबू को देखते ही हरिथा भड़क उठीं। बाद में दोपहर करीब ३ बजे, बाबू ने उन्हें समझाया कि क्या हुआ और फिर दोनों ने एक-दूसरे से माफी मांगी। इस बीच हरिथा के आगबबूला होने का वीडियो वायरल हो गया। विपक्षी वाईएसआरसीपी ने मंत्री की पत्नी के रवैये की आलोचना की, मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने नाराजगी जताई, जबकि मंडीपल्ली रामप्रसाद रेड्डी ने अपनी पत्नी के व्यवहार के लिए माफी मांगी। रेड्डी ने कहा कि ऐसा नहीं होना चाहिए था और मुझे इसका अफसोस है। मैं माफी मांगता हूं और मेरी पत्नी ने भी माफी मांगी है। ऐसा दोबारा नहीं होगा। यह अलग बात है कि हरिथा रेड्डी ने अभी तक सार्वजनिक रूप से माफी नहीं मांगी है। मुख्यमंत्री नायडू ने अपने मंत्रियों से पुलिस अधिकारियों और सरकारी अधिकारियों के साथ सम्मान से पेश आने को कहा, भले ही उन्हें लगे कि सत्ता में रहने के दौरान उन्होंने वाईएसआरसीपी का पक्ष लिया था। ऐसा कुछ न करें, जिससे तेदेपा सरकार की छवि खराब हो और ऐसी घटनाओं को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

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