मुख्यपृष्ठस्तंभझांकी : लाल, बाल, पाल

झांकी : लाल, बाल, पाल

अजय भट्टाचार्य

गुजरात में कांग्रेस के दूसरे पायदान के नेतृत्व के रूप में एक नई तिकड़ी चुपचाप उभर रही है। प्रतिष्ठित स्वतंत्रता सेनानियों के नाम पर ‘लाल, बाल, पाल’ कहे जानेवाले लालजी देसाई (लाल), जिग्नेश मेवाणी (बाल) और पाल अंबालिया (पाल) को कथित तौर पर बड़ी भूमिकाओं के लिए तैयार किया जा रहा है। ऐसा लगता है कि कांग्रेस आलाकमान आखिरकार उन नेताओं पर ध्यान दे रहा है, जिनका जमीनी स्तर पर वास्तविक जुड़ाव है। ये तीनों न केवल जमीनी हकीकत से जुड़े हैं, बल्कि लगातार ओबीसी, दलितों और किसानों की आवाज को बुलंद कर रहे हैं- ये वे वर्ग हैं जिन्हें कांग्रेस कभी अपना मुख्य वोट बैंक मानती थी। आंदोलन का नेतृत्व करने और समुदायों को संगठित करने का उनका ट्रैक रिकॉर्ड उन्हें २०२७ के विधानसभा चुनावों से पहले बड़ी जिम्मेदारी के लिए तैयार कर सकता है। हालांकि, क्या यह बदलाव गुजरात में पार्टी को पुनर्जीवित कर पाएगा, यह एक बड़ा सवाल बना हुआ है।
तमाशा में खेल
प्रधानसेवक द्वारा प्रस्तुत तमाशा अर्थव्यवस्था (कंसर्ट इकोनॉमी) के तहत अमदाबाद स्थित शेला के शावना लॉन में हनी सिंह का बहुप्रतीक्षित संगीत कार्यक्रम शहर की पुलिस के लिए एक बुरे सपने में बदल गया, जो पहले से ही कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए संघर्ष कर रही थी। रविवार की सुबह, सरखेज पुलिस स्टेशन के अधिकारियों ने हाथ में संगीत कार्यक्रम के टिकट नहीं, बल्कि चोरी हुए मोबाइल फोन की शिकायत लेकर लगभग ५० लोग पहुंचे। लगभग १० हजार की अनुमानित भीड़ में चोरों ने लगभग ५० हाई-एंड मोबाइल फोन चुराने में कामयाबी हासिल की। हालांकि, पुलिस का दावा है कि उसे केवल २३ शिकायतें मिली हैं।
इतना सन्नाटा…!
पिछले बुधवार को पाकिस्तान निर्मित ५ पिस्टल को लेकर वैâसरबाग बस स्टेशन (लखनऊ) पहुंची बुर्काधारी महिला ‘मुस्कान’ को गिरफ्तार किया गया था। इस मामले में ‘बुर्का’ भी है, ‘पाकिस्तान’ भी है और उर्दू नाम ‘मुस्कान’ भी है जो गोदी मीडिया का पसंदीदा विषय है, लेकिन गोदी मीडिया में गजब का मौन क्यों है? इस मुद्दे पर गोदी मीडिया मेंष्ठ न तो ‘दंगल’ हुआ, न ही ‘टक्कर’, किसी ने ‘आर-पार’ भी नहीं किया, ‘भैयाजी कहिन’ भी चुप और कहीं ‘ताल’ भी नहीं ठोंकी गई। न ही किसी ने कहा ‘हम तो पूछेंगे’ और न ही ‘डीएनए रिपोर्ट’! जानते हैं क्यों? क्योंकि गिरफ्तार महिला का पूरा नाम है: ‘मुस्कान तिवारी’।
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं और देश की कई प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में इनके स्तंभ प्रकाशित होते हैं।)

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