अजय भट्टाचार्य
राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे इन दिनों बातों ही बातों में भाजपा के कई बड़े नेताओं पर कटाक्ष करने से नहीं चूक रही हैं। पिछले हफ्ते जयपुर के बिरला ऑडिटोरियम में सिक्किम के राज्यपाल ओम माथुर के अभिनंदन समारोह के दौरान भी अपनी ही सरकार में अपने और अपने कार्यकर्ताओं की अनदेखी से परेशान राजे ने एक नया तंज करते हुए कहा कि कई लोगों को पीतल की लौंग क्या मिल जाती है, वह अपने आप को सर्राफ समझ बैठते हैं। लेकिन ऐसे लोगों को ओम माथुर से कुछ सीखना चाहिए, जिनके पांव हमेशा जमीन पर रहते हैं। वह कार्यकर्ताओं से हमेशा जुड़े रहते हैं। अनदेखी के अपने दर्द को ओम माथुर के नाम के साथ जोड़ते हुए वसुंधरा राजे ने कहा कि माथुर साहब कुशल घुड़सवार हैं, जिन्हें लगाम खींचना और चाबुक चलाना अच्छे से आता है। ओम माथुर चाहे कितनी ही बुलंदियों पर पहुंच गए हों, लेकिन इनके पैर हमेशा जमीन पर रहे हैं इसीलिए इनके चाहनेवाले भी असंख्य हैं। वरना कई लोगों को पीतल की लौंग क्या मिल जाती है, वह खुद को सर्राफ समझ बैठते हैं। माथुर से ऐसे लोगों को ये सीख लेनी चाहिए कि चाहत बेशक आसमां छूने की हो, पांव जमीन पर ही रखो।
मान न मान, मैं भी उम्मीदवार
हरियाणा की महेंद्रगढ़ विधानसभा सीट पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ कार्यकर्ता वैâलाश चंद ने बीते शुक्रवार को भाजपा उम्मीदवार के तौर पर अपना नामांकन पत्र दाखिल कर दिया। अगले दिन राज्य भाजपा ने कहा कि उसने अभी तक सीट से किसी उम्मीदवार के नाम की घोषणा नहीं की है। इससे पार्टी के लिए शर्मिंदगी की स्थिति है, क्योंकि पांच बार के भाजपा विधायक और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रामबिलास शर्मा भी महेंद्रगढ़ से टिकट मांग रहे हैं। २०१९ में शर्मा कांग्रेस के राव दान सिंह से हार गए थे, जिन्हें आगामी चुनावों के लिए कांग्रेस ने फिर से मैदान में उतारा है। चंद के अचानक नामांकन पत्र दाखिल करने से शर्मा परेशान हैं। चंद का दावा है कि उन्हें संघ ने नामांकन पत्र दाखिल करने के लिए कहा था। टिकटों को लेकर विरोध दर्ज कराने की एक अन्य घटना में, भाजपा के पूर्व मंत्री और पूर्व विधायक बचन सिंह आर्य ने जींद जिले की सफीदों सीट से जजपा के बागी राम कुमार गौतम को मैदान में उतारने के बाद पार्टी छोड़ दी। कलांवाली सीट से पूर्व विधायक बलकौर सिंह अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ भाजपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गए।
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार एवं स्तंभकार हैं तथा व्यंग्यात्मक लेखन में महारत रखते हैं।)