अजय भट्टाचार्य
परसों रक्षाबंधन के दिन दोपहर बाद छत्तीसगढ़ की महासमुंद जेल के जेलर मुकेश कुशवाहा ने सोशल मीडिया पर यह तस्वीर पोस्ट की। बहनें अपने भाइयों को राखी बांधने जेल पहुंची थीं। एक कैदी की राखी उसकी मां लेकर आई क्योंकि बहन किसी कारणवश नहीं आ पाई थी। वह कैदी खुद राखी बांधने लगा। महिलाओं की सुरक्षा में तैनात एक महिला पुलिस आरक्षक उसे देख रही थी। अचानक उसके मन में जो भाव आए, उसकी परिणति यह चित्र है। अचानक उठे उस भाव से इस महिला आरक्षक को इंसानी रूप से कितना बड़ा बना दिया, जहां जात-पांत, धर्म, अपराधी, पुलिस, इंसानियत, अपराध के बीच कोई कश्मकश नहीं थी।
चंपई को ठेंगा
दो दिन तक दिल्ली में डेरा डालने के बाद झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन के हाथ बाबाजी का जुमला लगा है। चंपई जब दिल्ली पहुंचे थे, तो सारी चीजें बिल्कुल तय लग रही थीं। केंद्रीय मंत्री और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने सोशल मीडिया पर उनका एनडीए परिवार में स्वागत तक कर दिया था। कोलकाता में बंगाल भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी से मुलाकात के बाद दिल्लीशाही से मिले संदेश के बाद चंपई ने मान लिया कि उनकी शर्तों को मान लिया जाएगा। अगले दिन रविवार सुबह ही कोलाकाता से फ्लाइट पकड़कर चंपई दिल्ली पहुंचने की वजह को निजी बताया, लेकिन वे भाजपा आलाकमान से उनकी कुछ शर्तों के साथ बात करना चाहते थे, इन्हीं शर्तों में से एक पर पेंच फंस गया और भाजपा ने चंपई को ठेंगा दिखाकर चलता कर दिया। दिल्ली आने से पहले उनका बेटा पहले से ही राष्ट्रीय राजधानी में मौजूद था और भाजपा आलाकमान के संपर्क में था। चंपई की ओर से जो शर्तें रखी गईं थीं, उनके बेटे ने उसे भाजपा आलाकमान के पास पहुंचा भी दिया था। जब चंपई कोलकाता से दिल्ली आ रहे थे, तब तक भाजपा की ओर से कुछ भी तय नहीं था। इधर, दिल्ली पहुंचने के बाद यानी शाम तक उन्होंने झारखंड मुक्ति मोर्चा छोड़ने के संकेत दे दिए। एक्स हैंडल से पार्टी का नाम हटा दिया, घर से पार्टी का झंडा हटा दिया। सोशल मीडिया पर लंबा-चौड़ा लेख भी लिखा, जिसमें उन्होंने जेएमएम से मोहभंग की पूरी कहानी बयां कर दी। उधर भाजपा को उनकी शर्तें मान्य नहीं थीं, जिनमें पहली शर्त खुद के लिए किसी राज्य का राज्यपाल पद और बेटे के लिए विधानसभा चुनाव का टिकट। साथ में यह भी नत्थी था कि अगर सरकार बनाने लायक बहुमत मिले तो मुख्यमंत्री भी वही बनेंगे। अब टापते हुए सोरेन शिबू शरणम हैं।
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार एवं स्तंभकार हैं तथा व्यंग्यात्मक लेखन में महारत रखते हैं।)