अजय भट्टाचार्य
हरियाणा के कद्दावर नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह की भाजपा छोड़कर करीब १० साल बाद हुई ‘घर’ वापसी से कांग्रेस को संजीवनी मिली है। उन्होंने अपनी पत्नी और पूर्व विधायक प्रेमलता और समर्थकों के साथ कांग्रेस में घर वापसी कर ली। चौधरी बीरेंद्र सिंह के बेटे और हिसार से भाजपा सांसद रहे बृजेंद्र सिंह पहले ही कांग्रेस का हाथ थाम चुके हैं। बीरेंद्र सिंह हरियाणा के सोनीपत और उनके बेटे बृजेंद्र सिंह हिसार से लोकसभा चुनाव लड़ सकते हैं। भाजपा ने जहां सोनीपत से मोहन लाल बडौली को चुनाव टिकट दिया है, वहीं हिसार से मंत्री रणजीत चौटाला को टिकट दिया है। बीरेंद्र सिंह एक तो किसान आंदोलन और किसानों के प्रति रूखे रवैये के कारण नाराज थे, वहीं भाजपा ने हरियाणा में दुष्यंत चौटाला की पार्टी जजपा के साथ गठबंधन कर लिया था, जो बीरेंद्र सिंह को पसंद नहीं आया। खास बात यह है जिन भूपेंद्र सिंह हुड्डा से अनबन के चलते उन्होंने कांग्रेस छोड़ी थी, उन्हीं हुड्डा ने बीरेंद्र सिंह की वापसी कराई है। हरियाणा के जींद जिले के चौधरी बीरेंद्र सिंह सर छोटू राम के परिवार से हैं। वे ५ बार विधायक भी रह चुके हैं। वे भारतीय राजनीति में एक बहुत बड़ा नाम हैं। उनके पिता का नाम नेकी राम थे। बीरेंद्र सिंह ४२ साल से कांग्रेस में रहे। अगस्त २०१४ में उन्होंने भूपेंद्र सिंह हुड्डा से विवादों के चलते कांग्रेस छोड़कर भाजपा में प्रवेश किया था। मोदी सरकार में २०१४ से २०१६ तक ग्रामीण विकास, पंचायती राज, स्वच्छता, पेयजल मंत्री और २०१६ से २०१९ तक केंद्रीय इस्पात मंत्री भी रहे चौधरी के बेटे बृजेंद्र सिंह भी २०१९ से २०२४ तक भाजपा के सांसद रहे। उनकी पत्नी प्रेमलता साल २०१४ से २०१९ तक उचाना कलां से विधायक थीं।
नामांकन मुहूर्त
गुजरात में अधिकांश भाजपा उम्मीदवारों का २६ लोकसभा सीटों के चुनाव और पांच विधानसभा क्षेत्रों के उपचुनावों के लिए अपने नामांकन पत्र दाखिल करने के लिए विशेष दिनों के विशेष घंटों के दौरान शुभ मुहूर्त का इंतजार खत्म हो गया है। उनमें से कई कांग्रेसी हैं, जो ऐसी प्रथाओं में विश्वास नहीं करते हैं। लेकिन अब जब वे भाजपा का हिस्सा बन गए हैं, तो उन्होंने पार्टी की `परंपरा’ के अनुरूप रहने का पैâसला किया है और शुभ मुहूर्त के दौरान अपना नामांकन पत्र दाखिल करने के लिए तैयार हैं। भाजपा पार्टी के एक पदाधिकारी ने कहा कि पार्टी इस संबंध में कोई निर्देश जारी नहीं करती है, लेकिन उम्मीदवार नामांकन दाखिल करने के लिए अपनी आस्था के अनुसार शुभ मुहूर्त चुन सकते हैं। चूंकि नवरात्र शुरू हो चुके हैं इसलिए इस सप्ताह गुजरात में मुहूर्त के अनुसार नामांकन करने वाले भाजपा उम्मीदवारों की सक्रियता बढ़ सकती है।
सुखाड़िया का दर्द
वडोदरा के पूर्व भाजपा विधायक जितेंद्र सुखाड़िया ने भाजपा की हालिया दरार की पृष्ठभूमि में स्थानीय पार्टी इकाई के कामकाज पर एक और विवाद खड़ा कर दिया है। सुखाड़िया ने कहा है कि पार्टी इकाई वरिष्ठ नेताओं के परामर्श से काम नहीं कर रही है और न ही भावनाओं का सम्मान कर रही है। सयाजीगंज के ७८ वर्षीय पूर्व विधायक ने कहा कि पार्टी की स्थानीय इकाई उस तरह से काम नहीं कर रही है जैसा उसे करना चाहिए। पूरे वर्ष के दौरान उन्होंने हमारे जैसे वरिष्ठ नेताओं के साथ कोई बातचीत नहीं की है। मैं नाराज नहीं हूं, लेकिन जो लोग वडोदरा भाजपा को चला रहे हैं, वे सभी को साथ लेकर नहीं चलते। जहां भावनाओं का सम्मान किया जाता है और एकता होती है, उसे संगठन कहा जाता है और वडोदरा में इसकी कमी है। सुखाड़िया मौजूदा सांसद रंजन भट्ट से मुलाकात करने वाले कुछ भाजपा नेताओं में से थे, जब उन्होंने अपनी उम्मीदवारी वापस लेने की घोषणा की थी, उन्होंने पहले भी कहा था कि उन्हें भाजपा के स्थापना दिवस पर भारतीय जनता युवा मोर्चा की रैली के बारे में `कोई संदेश नहीं मिला’ था।
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार एवं स्तंभकार हैं तथा व्यंग्यात्मक लेखन में महारत रखते हैं।)