मुख्यपृष्ठस्तंभझांकी : डरा हुआ ५६ इंच

झांकी : डरा हुआ ५६ इंच

अजय भट्टाचार्य

पत्रकार एन राम, न्यायाधीश अजीत पी शाह और सेवानिवृत्त न्यायाधीश मदन बी लोकुर ने प्रमुख चुनावी मुद्दों पर बहस के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस नेता राहुल गांधी को न्योता दिया। राहुल गांधी ने १० मई को खुद को मिले निमंत्रण पर खुद या कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बहस में शामिल होने की बात कही थी। राहुल ने कहा था कि स्वस्थ लोकतंत्र के लिए एक मंच पर आकर अपना विचार रखना एक सकारात्मक पहल होगी। कांग्रेस इसका स्वागत करती है। प्रधानमंत्री से उम्मीद है कि वे बहस में भाग लेंगे। इन दिनों गोदी मीडिया को रोज स्क्रिप्टेड इंटरव्यू दे रहे महामानव ने अभी तक इस निमंत्रण को स्वीकार नहीं किया है। अलबत्ता उनकी पार्टी की युवा इकाई भाजयुमो अध्यक्ष तेजस्वी सूर्या ने बहस के लिए मोर्चा उपाध्यक्ष अभिनव प्रकाश का नाम आगे किया है। प्रकाश पासी जाति से आते हैं और रायबरेली में इस वर्ग की आबादी ३० फीसदी है। यहां से राहुल गांधी इस बार कांग्रेस के उम्मीदवार हैं। अभिनव प्रकाश जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र रह चुके हैं। जो वर्तमान में दिल्ली यूनिवर्सिटी के रामजस कॉलेज में इकोनॉमिक्स के असिस्टेंट प्रोफेसर के तौर पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं। उन्होंने श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स में भी अध्यापन कार्य किया है। सवाल यह है कि राहुल ने मोदी से बहस का न्योता स्वीकार किया है, न कि किसी भी ऐरे-गैरे से। ५६ इंच के सीने वाला इतना डरा हुआ क्यों है?

गुजरात लॉबी में कलह
आंतरिक कलह हर राजनीतिक दल का हिस्सा है और भाजपा भी इससे अलग नहीं है। पार्टी में एकमात्र अंतर यह था कि वह कभी-कभार ही सामने आती थी। इंडियन फार्मर्स फर्टिलाइजर को-ऑपरेटिव लिमिटेड (इफको) के निदेशक का चुनाव एक उदाहरण है, जिसमें अमित शाह के विश्वासपात्र बिपिन गोटा को निदेशक पद के लिए हार का सामना करना पड़ा। ऐसा लगता है कि गुजरात लॉबी के नेताओं के बीच तू-तू, मैं-मैं शुरू हो गई है। अमरेली के पूर्व सांसद नाराण कछाड़िया ने सीआर पाटील को पत्र लिखकर आरोप लगाया कि पार्टी में पक्षपात घुस गया है। उन्होंने दो विधायकों का नाम भी लिया और उन्हें गुटबाजी के लिए जिम्मेदार ‘हराया। वैसे कछाड़िया के पास कुछ नहीं बचा है। लोकसभा टिकट नहीं मिलने के बाद उन्हें इफको का चेयरमैन मिलने की उम्मीद थी। वह भी बात नहीं बनी, इसलिए यह नाराजगी मायने रखती है। बीते गुरुवार को इफको निदेशक मंडल के चुनाव में जेतपुर से भाजपा विधायक और पूर्व मंत्री जयेश रादड़िया ने भाजपा के दो सहकारी नेताओं के बीच हुए मुकाबले में बिपिन पटेल उर्फ बिपिन गोटा को हरा दिया। यह दूसरी बार है जब रादड़िया को देश की सहकारी उर्वरक कंपनी इफको के निदेशक मंडल का सदस्य चुना गया है। निदेशक मंडल की कुछ सीटों के लिए दिल्ली में इफको मुख्यालय में मतदान हुआ था। जयेश रादड़िया को ११३ वोट मिले, जबकि गोटा को केवल ६७ वोट मिले।
वीआईपी बेशर्मी
वीआईपी संस्कृति का बेशर्मी से प्रदर्शन करते हुए, आंध्र प्रदेश के एक विधायक ने एक मतदाता को थप्पड़ मार दिया। कथित तौर पर उसने परसों सुबह गुंटूर जिले के एक मतदान केंद्र पर विधायक द्वारा कतार में कूदने पर आपत्ति जताई थी। घटना का एक वीडियो वायरल हो गया, उसमें तेनाली के वाई.एस.आर. कांग्रेस पार्टी के विधायक ए शिवकुमार मतदाता के पास आते हैं और उनके चेहरे पर थप्पड़ मारते नजर आते हैं। मतदाता इस प्रहार का जवाब देता है और विधायक के सहयोगी भी मतदाता पर चौतरफा हमला करने में उसके साथ शामिल हो जाते हैं। अपनी बारी का इंतजार कर रहे अन्य मतदाता हमले को रोकने की कोशिश करते नजर आ रहे हैं, जबकि विधायक के सहयोगी मतदाता को मारते रहते हैं। १० सेकंड के वीडियो में किसी भी सुरक्षाकर्मी को मतदाता को बचाने के लिए हस्तक्षेप करते हुए नहीं देखा जा सकता है। यह स्पष्ट नहीं है कि मारपीट शुरू होने से पहले वास्तव में क्या हुआ था, लेकिन मतदाता पर विधायक के हमले की सोशल मीडिया पर कड़ी आलोचना हो रही है।

(लेखक वरिष्ठ पत्रकार एवं स्तंभकार हैं तथा व्यंग्यात्मक लेखन में महारत रखते हैं।)

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