अजय भट्टाचार्य
२६ मई को पंजाब के लुधियाना में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए भाजपा नेता व केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा था कि ये रवनीत बिट्टू मेरा दोस्त है, पांच साल से दोस्त बना है मेरा। ये रवनीत बिट्टू को लुधियाना से दिल्ली की संसद में भेजिए, इसको बड़ा आदमी बनाने का काम मैं करूंगा। भले ही बिट्टू (४८) लुधियाना से हाल ही में संपन्न लोकसभा चुनाव हार गए, लेकिन शाह ने अपनी बात रखी, क्योंकि लुधियाना के दो बार के पूर्व सांसद को नरेंद्र मोदी मंत्रिमंडल में राज्य मंत्री के रूप में जगह मिली है। भाजपा राज्य में अपना खाता खोलने में विफल रही। इन्हीं अमित शाह ने बिहार के नवादा जिले के हिसुआ में २ अप्रैल, २०२३ को कहा था कि नीतिश कुमार के लिए भाजपा के दरवाजे हमेशा के लिए बंद हो गए हैं। बोले थे- मैं आप लोगों और ललन बाबू (जद-यू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह जो मुख्यमंत्री नीतिश कुमार के करीबी सहयोगी भी हैं) को यह स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि नीतिश कुमार के लिए भाजपा के दरवाजे हमेशा के लिए बंद हो चुके हैं। आज स्थिति सामने है। नीतिश की पार्टी की बैसाखी पर मोदी सरकार टिकी है और ललन बाबू उसमें मंत्री बन चुके हैं। दोमुंहापन इसी को कहते हैं।
जालंधर में फिर चुनावी जंग
लोकसभा चुनाव के नतीजे घोषित होने के एक पखवाड़े से भी कम समय में पंजाब के जालंधर में एक और चुनाव के लिए मंच तैयार हो गया है। जालंधर पश्चिम (एससी) विधानसभा क्षेत्र में शीतल अंगुराल के इस्तीफे के कारण उपचुनाव होना है। अंगुराल इस सीट से `आप’ के टिकट पर चुने गए थे, लेकिन २८ मार्च को विधानसभा से इस्तीफा देकर जालंधर के तत्कालीन सांसद सुशील रिंकू के साथ भाजपा में शामिल हो गए थे। ताजा उपचुनाव सत्तारूढ़ `आप’ के लिए एक लिटमस टेस्ट के रूप में आया है, क्योंकि जालंधर लोकसभा क्षेत्र में `आप’ तीसरे स्थान पर रही। २०२३ के लोकसभा उपचुनाव में इसकी पिछली जीत को देखते हुए एक झटका है। कांग्रेस उम्मीदवार और पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी सीट से विजयी हुए और जालंधर पश्चिम खंड में भी आगे रहे। अब सत्ता के संतुलन को प्रभावित करने के अवसर पर भाजपा नजर गड़ाए हुए है। विजयी कांग्रेस के पास इस विधानसभा क्षेत्र में कोई मजबूत नेता नहीं है। पंजाब के मुख्य चुनाव अधिकारी सिबिन सी द्वारा घोषित कार्यक्रम के अनुसार, उपचुनाव के लिए अधिसूचना १४ जून को जारी की जाएगी और नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि २१ जून होगी। २४ जून को नामांकन पत्रों की जांच की जाएगी, जबकि नामांकन वापस लेने की अंतिम तिथि २६ जून है। मतों की गिनती १३ जुलाई को होगी। चुनाव प्रक्रिया पूरी होने तक चुनाव आचार संहिता लागू रहेगी। लोकसभा चुनाव के सातवें और अंतिम चरण में मतदान के एक दिन बाद २ जून को अंगुराल ने अपना मन बदल लिया था और `आप’ से उनकी सदस्यता पर पुनर्विचार करने का अनुरोध किया था। हालांकि, पार्टी ने यह कहते हुए इनकार कर दिया कि उनका इस्तीफा पहले ही स्वीकार कर लिया गया है।
ईटाला को तेलंगाना!
केंद्रीय मंत्रिपरिषद में तेलंगाना भाजपा अध्यक्ष जी किशन रेड्डी के शामिल होने के बाद पार्टी द्वारा नए राज्य अध्यक्ष की नियुक्ति किए जाने की पूरी संभावना है। अंदरूनी सूत्रों की मानें तो इस पद के लिए मलकाजगिरी के सांसद ईटाला राजेंद्र के नाम को लगभग मंजूरी दे दी गई है। हाल ही में हुए लोकसभा चुनावों में निर्वाचित राजेंद्र के बारे में कहा जा रहा था कि वे नरेंद्र मोदी मंत्रिमंडल में जगह पाने के इच्छुक हैं, लेकिन पार्टी ने किशन और बंदी संजय को चुना। राजेंद्र ने दिल्ली में असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा से मुलाकात की और तेलंगाना के राजनीतिक परिदृश्य पर चर्चा की। बिस्वा सरमा ने राजेंद्र को आश्वासन दिया कि उन्हें भाजपा की तेलंगाना इकाई में शीर्ष पद दिया जाएगा। राजेंद्र सोमवार को केंद्रीय मंत्री अमित शाह से भी मिले। सामाजिक समीकरणों को देखते हुए यह उम्मीद की जा रही है कि यदि किसी एक जाति से संबंधित किसी बीसी नेता को मंत्री बनाया जाता है तो किसी अन्य जाति के किसी अन्य बीसी नेता को पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष बनाया जाएगा। चूंकि संजय, जो मुन्नुरू कापू हैं, को वैâबिनेट में शामिल किया गया था, इसलिए पार्टी संभवत: राजेंद्र को अपना राज्य प्रमुख चुनेगी, जो मुदिराज समुदाय से हैं।
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार एवं स्तंभकार हैं तथा व्यंग्यात्मक लेखन में महारत रखते हैं।)