कविता श्रीवास्तव
राजधानी नई दिल्ली में शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के युवासेनाप्रमुख व नेता आदित्य ठाकरे की सक्रियता ने `इंडिया’ की राजनीति में नई ऊर्जा पैदा की है। गुरुवार को आम आदमी पार्टी (आप) के अध्यक्ष व दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से उनकी मुलाकात ने राजनीतिक सरगर्मी तेज कर दी है। इससे पहले बुधवार को वे लोकसभा में विपक्ष के नेता व कांग्रेस के प्रमुख नेता राहुल गांधी से मिले। नई दिल्ली पहुंचकर इन नेताओं से उनका मिलना महज संयोग नहीं है। यह मुलाकात आने वाले दिनों में `इंडिया’ गठबंधन को तेजी से आगे बढ़ाने की दिशा में की गई आदित्य ठाकरे की मजबूत पहल सिद्ध होगी। उल्लेखनीय है कि `इंडिया’ गठबंधन की दूसरी सबसे महत्वपूर्ण और विशाल सभा शिवसेना के संयोजन में मुंबई में ही हुई थी। यह `इंडिया’ गठबंधन की ही ताकत है कि आज केंद्र की भाजपा सरकार दो दलों की बैसाखी पर टिकी हुई है। भारतीय जनता पार्टी केंद्र में स्वयं के बल पर सत्ता बनाने में असमर्थ थी। लेकिन तेलुगू देशम पार्टी के चंद्रबाबू नायडू और जनता दल यूनाइटेड के नीतीश कुमार के दम पर ही उनकी सरकार टिकी हुई है। यह `इंडिया’ गठबंधन की ताकत है, जो संसद में सरकार की मनमानी को लगातार चुनौती दे रही है। जनहित के हर मुद्दे पर मनमानी को रोकने का प्रयास कर रही है। जनता की समस्याओं को लेकर `इंडिया’ गठबंधन लगातार संसद में संघर्ष कर रहा है। हालांकि, नई दिल्ली विधानसभा के चुनाव में कांग्रेस और `आप’ आमने-सामने थीं। परिणाम यह हुआ कि `आप’ को सत्ता खोनी पड़ी और भाजपा बाजी मार ले गई। एक बार फिर कांग्रेस का खाता नहीं खुला। शिवसेना ने अरविंद केजरीवाल की पार्टी `आप’ का समर्थन किया था। शिवसेना नेताओं ने बार-बार कहा था कि कांग्रेस और `आप’ को मिलकर चुनाव लड़ना चाहिए। कहा तो यही जा रहा है कि यदि इन दोनों पार्टियों ने शिवसेना की बात मान ली होती तो आज नई दिल्ली का राजनीतिक परिदृश्य कुछ और होता। खैर, अब `इंडिया’ गठबंधन में आगे राजनीतिक गतिरोध न हो, इस दिशा में ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है। देश की मौजूदा राजनीतिक स्थिति और विपक्षी एकता के लिए भी आदित्य ठाकरे का दौरा महत्वपूर्ण माना जा रहा है। क्योंकि शिवसेना और आम आदमी पार्टी दोनों ही केंद्र सरकार की नीतियों के मुखर विरोधी रहे हैं। संसद में सरकार की नीतियों पर विपक्ष लगातार हमलावर बना हुआ है। आगामी दिनों में `इंडिया’ गठबंधन की पार्टियां भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ मिलकर जोरदार प्रचार-प्रसार भी कर सकती है। आदित्य ठाकरे का दिल्ली दौरा महाराष्ट्र की ताजा राजनीतिक स्थिति में भी काफी महत्वपूर्ण है, क्योंकि यहां भारतीय जनता पार्टी को पूर्ण बहुमत है। इसीलिए उसने एकनाथ शिंदे गुट और अजीत पवार गुट को भी दरकिनार सा कर रखा है। ऐसे में आदित्य ठाकरे का राहुल गांधी और अरविंद केजरीवाल से मिलना, उनके नए राजनीतिक कदम का संकेत भी हो सकता है।