कविता श्रीवास्तव
`लाडली…लाडली…’ के राजनीतिक दांव की तोड़ निकालते हुए दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने `संजीवनी’ बाण छोड़ा है। यह अत्यंत ही प्रभावी और अचूक है। उन्होंने ६० वर्षों से अधिक की आयु वाले वरिष्ठ नागरिकों के मुफ्त इलाज के लिए `संजीवनी योजना’ का एलान किया है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि यह योजना `लाडली’ जैसी योजनाओं की तरह भेदभाव वाली या कुछ सीमित लोगों के लिए नहीं है। उनकी इस योजना का लाभ सभी नागरिकों को मिलेगा। उच्च आय वर्ग, निम्न आय वर्ग या कोई अन्य भेदभाव के बिना ६० वर्ष की आयु पार कर चुके सभी नागरिकों के लिए सरकारी और निजी अस्पतालों में इलाज के पूरे खर्च को उठाने की उनकी तैयारी है। उनकी प्रस्तावित योजना में इलाज खर्च की कोई सीमा भी नहीं रहेगी। केजरीवाल ने कहा है कि उनकी पार्टी `आप’ की सरकार दिल्ली में पुन: आएगी तो यह योजना नई दिल्ली में लागू कर दी जाएगी। बुजुर्गों के प्रति हमदर्दी दिखाती राहत और मदद की अरविंद केजरीवाल की यह पहल एक क्रांतिकारी कदम है। क्योंकि इलाज ही वह मजबूरी है, जो कोई भी व्यक्ति शौक से नहीं करवाता है। इलाज के लिए अस्पतालों का खर्च उठाना भी सबके बूते की बात नहीं होती है। बुजुर्ग व रिटायर्ड लोग आर्थिक रूप से कमजोरी व अक्षमता महसूस करते हैं। वे अपने परिजनों व मदद का हाथ बढ़ाने वाले हर किसी की ओर आतुरता से देखते हैं। ऐसे में अरविंद केजरीवाल ने उनके लिए मानवताभरा राहत पैकेज लाने का एलान करके उनके जीवन को नई `संजीवनी’ दी है। देश में चिकित्सा समस्या से जूझते बुजुर्गों की संख्या बहुत बड़ी है। वैसे तो टैक्स भरनेवाले प्रत्येक नागरिक के इलाज का पूरा खर्च सरकारों को उठाना चाहिए, लेकिन चिकित्सा आज बहुत बड़ा व्यवसाय बन चुका है। सरकारें लोगों के इलाज पर काफी बजट खर्च करती हैं, लेकिन इसका लाभ सभी लोगों को नहीं मिल पाता है। अरविंद केजरीवाल की सूझबूझ और अच्छी सोच के इस विचार से देश के बुजुर्गों की उम्मीदें बढ़ी हैं। इस तरह की योजनाएं केवल नई दिल्ली में क्यों, पूरे देश में बिना किसी भेदभाव के सबके लिए लागू हो जाएं तो बुजुर्गों के लिए बहुत बड़ी राहत होगी। हमने बीते कुछ चुनावों में कई राज्यों में `लाडली बहन’, `लाडले भाई’ जैसी योजनाओं को लागू होते देखा है। इसमें कुछ चुनिंदा लोगों के खाते में पैसे डाले जाते हैं। बिना किसी वजह के खाते में पैसे बांटना एक तरह से मुफ्तखोरी ही है। जरूरतमंदों की निश्चित तौर पर मदद की जानी चाहिए, लेकिन टैक्स भरने वालों के पैसे बगैर किसी कारण टैक्स न भरने वालों के खाते में डालना कहां तक उचित है? लोगों में मुफ्तखोरी बढ़ाने की बजाय उन्हें रोजगार की ओर प्रेरित करना चाहिए। रोजगार के अवसर बढ़ाने चाहिए। सबको काम का मौका मिलना चाहिए। कमाने की क्षमता बढ़ानी चाहिए। जो बुजुर्ग हो जाते हैं, कमाने लायक नहीं रहते, उन्हें मदद की दरकार होती है। इसलिए अरविंद केजरीवाल की योजना उपयोगी है, क्रांतिकारी है, इसका स्वागत होना चाहिए।