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बात-जज्बात : ‘न्यूड’ वेडिंग और…

एम एम सिंह

न कोई शादी का गाउन, न कोई औपचारिक सफेद ब्लेजर, जमैका के एक रिसॉर्ट में आयोजित ‘न्यूड’ वेडिंग सेरेमनी में २९ जोड़ों ने शादी कर ली। यह एक घंटे तक चलने वाली शादी थी, जहां दूल्हा और दुल्हन ने अपने कपड़े उतार दिए। वेडिंग सेलिब्रेशन न केवल एक ही दिन आयोजित किया गया, बल्कि रिसॉर्ट ने लगातार तीन दिनों तक ‘न्यूड’ वेडिंग सेलिब्रेशन की होस्टिंग की।
कल हमने आपको बताया था कि चीन की ‘न्यूड’ वेडिंग का असली मतलब क्या है… आर्टिकल की शुरुआत में अभी जो आपने पढ़ा वह असली ‘न्यूड’ वेडिंग का है, लेकिन यह विचित्र शादी २००३ में हुई थी जमैका में। इसे दुनिया की सबसे बड़ी ‘न्यूड’ वेडिंग का खिताब मिला है! यह शादी वैलेंटाइन डे के दिन जमैका के रनवे बे में हेडोनिज्म में हुई थी। इस समारोह का संचालन फ्लोरिडा के यूनिवर्सल लाइफ चर्च के रेवरेंड प्रैंâक सर्वासियो ने किया था। कपल्स को शादी के बाद कम से कम ४ दिन रुकना था और वेडिंग सेरेमनी से दो दिन पहले १२ फरवरी को पहुंचना था। रेवरेंड प्रैंâक सर्वासियो द्वारा आयोजित इस समारोह में विभिन्न बैकग्राउंड से आए जोड़े शामिल हुए।
‘न्यूड’ वेडिंग को ‘नेकेड’ वेडिंग भी कहते हैं, जिनमें जोड़े, दुल्हन पक्ष और/या मेहमान ‘न्यूड’ शामिल हो सकते हैं। ‘न्यूड’ लाइफ स्टाइल के लिए कमिटेड हो सकते हैं या एक अलग तरह की शादी चाहते हैं। ऑप्शंस के तौर पर शादी में कपल ‘न्यूड’ हो सकता है, जबकि मेहमान ‘न्यूड’ या कपड़े पहने हुए आ सकते हैं या जोड़ा और सभी मेहमान ‘न्यूड’ हो सकते हैं।
यह १९३४ का वक्त था जब पहली बार सार्वजनिक रूप से ‘न्यूड’ वेडिंग शिकागो में वर्ल्ड फेयर में ईडन गार्डन में हुई थी। ‘न्यूड’ रिर्क्येश्नल प्रैक्टिस के बढ़ने के साथ ही ‘न्यूड’ वेडिंग में भी इजाफा होता चला गया। १९३१ में स्थापित ‘अमेरिकन एसोसिएशन फॉर न्यूड रिक्रिएशन’ (एएएनआर) के अनुसार, १९९० के दशक के दौरान ‘न्यूड’ रिर्क्येश्नल में ७५ फीसदी की बढ़ोतरी हुई। आज एएएनआर का अनुमान है कि यह १९९२ में १२० मिलियन डॉलर से बढ़कर ४४० मिलियन डॉलर का उद्योग बन गया है। अमेरिका में २७० क्लब हैं। इनमें से कुछ ‘न्यूड’ वेडिंग पर परमानेंटली काम कर रहे हैं।
आखिर, यह लोग हैं जो इस तरह से ‘न्यूड’ वेडिंग के प्रति आकर्षित होते हैं या ‘न्यूड’ वेडिंग करना चाहते हैं? दरअसल, यह सोसाइटी का एक ऐसा वर्ग है जो आदिमकाल की तरह जीना चाहता है! आज का समाज इसकी अनुमति नहीं देता। इसलिए ये लोग न्यूडिस्टी की चाहत सबकॉन्शियस में समेटे हुए मनोरंजन के तौर पर प्रोत्साहित करते हैं। ६० के दशक में न्यूडिस्टी को लेकर काफी फिल्में बनी थीं उनमें से एक थी ‘गर्ल्स कम टू’ बाद में इसका नाम बदलकर ‘हाउ आई बिकेम ए न्यूडिस्ट’ रखा गया! इन फिल्मों पर कभी और…

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