किसी जमाने के मशहूर अभिनेता और अभिनेत्री दंपति प्रेमनाथ मल्होत्रा और उनकी खूबसूरत पत्नी बीना राय के पोते और अभिनेता प्रेमकिशन के पुत्र हैं निर्देशक सिद्धार्थ पी मल्होत्रा, जो इन दिनों बेहद सुर्खियों में हैं। यशराज और नेटफ्लिक्स की हालिया रिलीज फिल्म `महाराज’ को काफी लोकप्रियता मिल रही है। इस फिल्म के निर्देशक सिद्धार्थ मल्होत्रा से पूजा सामंत ने बातचीत की। प्रस्तुत हैं बातचीत के प्रमुख अंश…
फिल्म `महाराज’ की योजना कैसे बनी?
`महाराज’ नाम से ही लेखक सौरभ शाह ने किताब लिखी थी। इस किताब पर आधारित नाटक हमने देखा, कहानी मूलत: करसनदास मुलजी नामक एक पत्रकार पर आधारित है, जो एक सच्चा और निडर समाज सुधारक भी है। उनकी समाज से बुराइयां और अंधश्रद्धा दूर करने की कहानी हमें रिलेवेंट लगी। मैंने मेरी टीम में स्नेहा देसाई और विपुल मेहता ने इसकी स्क्रिप्ट पर काम किया, स्क्रिप्ट तैयार होने के बाद आदित्य चोपड़ा को इसे दिखाया और उनका ग्रीन सिग्नल मिलते ही फिर फिल्म आगे बढ़ी।
मूल नाटक, किताब और `महाराज’ फिल्म का विवाद क्या था?
जो मूल किताब थी, उसमें कोर्ट के विवाद थे, लेकिन नाटक में कोई विवाद नहीं थे। हमने किताब पढ़ने के बाद विवादस्पद चीज को पहले ही हटा दिया। हमारा इरादा करसनदास मुलजी जैसे पत्रकार की कहानी दिखाना था, जिसे कोई नहीं जानता था। लोगों ने जब पोस्टर देखे तो उन्हें लगा कि फिल्म में विवादास्पद मामला भी है, सच्चाई क्या है जब लोगों के समझ में आया तो विवाद थम गए और फिल्म की स्ट्रीमिंग का रास्ता क्लियर हुआ।
`महाराज’ में जुनैद खान की कास्टिंग वैâसे?
आमिर खान से मिलना होता रहा है मेरा। जुनैद उस समय फिल्म `लाल सिंह चड्ढा’ के लिए ऑडिशन दे रहे थे। ऑडिशन में मैंने जुनैद को देखा तो मुझे उनमें सच्चाई, मासूमियत नजर आई। मुझे करसनदास के किरदार के लिए एक ऐसे ही मासूम, लेकिन ढीठ चेहरे की आवश्यकता थी। मुझे स्टारडम का बैगेज लाने वाले स्टार की नहीं अच्छे परफॉर्मर की जरूरत थी। करसनदास २३-२४ साल का एक शख्स था जो भायखला, मुंबई में रहता था। यही वजह थी कि जुनैद मेरी स्क्रिप्ट अनुसार उचित लगा।
जुनैद के लिए बड़ा लॉन्चिंग पैड होने की बात आमिर ने नहीं की?
करसनदास पुराने जमाने का १८६२ के दौर का पत्रकार था, जो धोती-कुर्ता जैकेट पहना करता था। फिल्म `महाराज’ में करसनदास को लड़कियों के साथ डांस करते, दोस्तों के साथ मस्ती-मजाक करते, स्टंट्स करते हुए नहीं दिखाया गया है। पारंपरिक हीरो की न तो उसकी एंट्री है न वैसे लार्जर दैन लाइफ का किरदार। लेकिन जुनैद के वालिद आमिर ने कहानी के किरदार के बारे में सुनकर हामी भर दी थी। जुनैद ने भी कहानी सुनकर यह फिल्म करनी चाही थी इसीलिए जुनैद के लिए लॉन्चिंग पैड वाला मामला नहीं हुआ।
जुनैद खान को करसनदास बनाने में कितनी समस्याएं हुईं?
जुनैद एक इंटेंस एक्टर है, इसका अंदाजा मुझे था। उसमें मेहनत करने की गजब क्षमता है। जुनैद ने अपना वजन २५-२६ किलो कम किया। उनके संवादों में गुजराती अल्फाज थे, जिसे जुनैद ने सहजता के साथ बाय हार्ट कर लिया। मेरे घर पर जुनैद, शर्वरी, शालिनी, जयदीप साहनी सभी ने स्क्रिप्ट पर हर दिन पूरे १ साल वर्कशॉप किया। स्क्रिप्ट एक साल में ऐसी जुबानी याद हुई कि शूटिंग शुरू हुई उस वक्त क्या करना है यह पहले ही रिहर्सल हो चुकी थी।
`महाराज’ भारत में नंबर वन और पूरी दुनिया में नंबर तीसरे स्थान पर होगी, उम्मीद थी आपको?
मुझे तो कोई इल्म नहीं था। फिल्म बनते-बनते ३ साल हो गए। २०२० के कोविड दौर में फिल्म शुरू हुई, कई मुश्किलें आर्इं। एक ट्रॉली वाले कैमरा अटेंडेंट को उसके बाद सेट के ४० लोगों को कोरोना हुआ। खैर, किसी तरह शूटिंग पूरी हुई। महाराज अब देश में नंबर एक और विदेश में नंबर ३ की रैंकिंग पर है। बहुत जल्द यह फिल्म नंबर वन पर जाने के आसार है। पूरी दुनिया में `महाराज’ को काफी सराहा जा रहा है।
आपके अगले प्रोजेक्ट्स?
मैं ओटीटी के लिए २ प्रोजेक्ट्स और एक बड़ी फिल्म की योजना बना रहा हूं। मेरी अगली फिल्म वायआरएफ (यशराज) के लिए नहीं है, लेकिन मेरे करियर की संभवत: सबसे बड़ी फिल्म होगी, इतना कह सकता हूं। इससे ज्यादा जानकारी नहीं दे सकता, क्योंकि कभी-कभी खुद की भी नजर लग जाती है। डंका पीटने से अच्छा है, वक्त आने पर ही बात करो।