सामना संवाददाता / मुंबई
मनपा ने फरवरी में बजट पेश कर पहले ही मुंबईकरों से नया टैक्स (सॉलिड वेस्ट टैक्स व कमर्शियल टैक्स) वसूलने के लिए तैयार है। अब ईडी सरकार २.० भी कहा पीछे रहने वाली थी। सरकार ने सोमवार को वित्तीय वर्ष २०२५-२६ के बजट में ३० लाख रुपए से अधिक कीमत वाले इलेक्ट्रिक वाहनों पर ६ प्रतिशत कर लगाने का प्रस्ताव रखा है। पहले पेट्रोल महंगा कर सरकार ने सफाई दी कि इससे इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा मिलेगा लेकिन अब सरकार का मुखौटा हट गया है। उपमुख्यमंत्री अजीत पवार, जो वित्त विभाग का प्रभार भी संभालते हैं। उन्होंने बजट पेश करते हुए इलेक्ट्रिक वाहनों के अलावा सीएनजी और एलपीजी वाहनों पर मोटर वाहन कर में १ प्रतिशत वृद्धि की घोषणा की। बजट में प्राप्त हुई जानकारी के मुताबिक ईडी सरकार २.० ने निर्माण गतिविधियों में उपयोग होने वाले वाहनों पर भी ७ प्रतिशत कर लगाने का फैसला किया है जिससे लगभग १८० करोड़ रुपए की अतिरिक्त आय होने की संभावना है। राज्य सरकार ने ३० लाख रुपए से अधिक कीमत वाले इलेक्ट्रिक वाहनों पर ६ प्रतिशत टैक्स और व्यक्तिगत स्वामित्व वाले गैर-ट्रांसपोर्ट चार पहिया सीएनजी और एलपीजी वाहनों पर १ प्रतिशत टैक्स वृद्धि करने का फैसला किया है।
१५० करोड़ रुपए की अतिरिक्त आय का अनुमान
सरकार के मुताबिक इस कदम से २०२५-२६ में लगभग १५० करोड़ रुपए की अतिरिक्त आय होने का अनुमान है। पवार ने ७,५०० किलोग्राम तक माल ढोने वाले हल्के मालवाहक वाहनों पर भी ७ प्रतिशत टैक्स लगाने की घोषणा की, जिससे राज्य को ६२५ करोड़ रुपए की आय होगी। राज्य सरकार ने मोटर वाहन टैक्स की अधिकतम सीमा को २० लाख रुपए से बढ़ाकर ३० लाख रुपए कर दिया है, जिससे १७० करोड़ रुपए की आय होने का अनुमान है।