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सुल्तानपुर-अमेठी के शिक्षकों ने जानी योग की महत्ता …राज्यस्तरीय प्रतियोगिता में करेंगे प्रतिभाग

विक्रम सिंह/सुल्तानपुर
जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान में मंगलवार को सुल्तानपुर व अमेठी जिलों के बेसिक स्कूलों के शिक्षकों के लिए जिलास्तरीय योग पाठशाला का आयोजन किया गया। परस्पर प्रतियोगिता भी हुई।
डायट प्राचार्य डा.पारसनाथ ने प्रतियोगिता का उद्घाटन करते हुए कहा कि योग शरीर और मन को शांत करने के लिए शारीरिक और मानसिक अनुशासन के मध्य संतुलन बनाता है। उन्होंने कहा कि आज के व्यस्ततम युग में नियमित योग तनाव और चिंता का निवारण करने में सहायता करता है। स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क विकसित होता है। कार्यक्रम के नोडल प्रभारी शरद चतुर्वेदी ने कहा कि योग प्राचीन भारतीय ऋषि-मुनियों और तत्त्ववेत्ताओं द्वारा प्रतिपादित एक विशिष्ट आध्यात्मिक प्रक्रिया है।

पतंजलि ने ‘चित्त की वृत्तियों के निरोध’ को योग कहा है। योगवाशिष्ठ के अनुसार, योग वह युक्ति है जिससे संसार सागर से पार जाया जा सकता है। वस्तुत: आज के युग में मानव शरीर को ठीक रखने के लिए योग बहुत जरूरी है। राज्य कार्यालय की ओर से पूर्व निर्धारित आसन व प्राणायाम, त्रिकोणासन, गरुड़ासन, नटराजासन, गोमुखासन, अर्धमत्स्येंद्रासन, पश्चिमोत्तर चक्रासन, हलासन, वृश्चिक आसन, प्राणायाम बंध प्रदर्शन कराया गया। प्रतियोगिता में जनपद अमेठी से दो पुरुष प्रतिभागियों एवं सुल्तानपुर से बीस पुरुष और चार महिला प्रतिभागियों ने प्रतिभाग किया।

प्रतियोगिता का मूल्यांकन योग प्रशिक्षकों की तीन सदस्यीय मूल्यांकन कमेटी ने किया। जनपद अमेठी और सुलतानपुर से प्रतियोगिता में विजेता पुरुष और महिला संवर्गों से एक-एक शिक्षक का नाम राज्यस्तरीय प्रतियोगिता में प्रतिभाग करने के लिए एससीईआरटी लखनऊ भेजा गया है। कार्यक्रम संचालन डायट प्रवक्ता शशांक शेखर सिंह ने किया। आयोजन में डा. हरिओम त्रिपाठी ,दिलीप कुमार शर्मा तथा मनीष तिवारी द्वारा सहयोग प्रदान किया गया। प्रतियोगिता में कई प्रवक्तागण एवं डीएलएड प्रशिक्षु उपस्थित रहे।

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