पिछले वर्ष की तुलना में ७% की वृद्धि
सामना संवाददाता / मुंबई
बीते दो दिनों से अधिकतम तापमान ३८ डिग्री सेल्सियस को पार कर गया, तो मुंबई में बिजली की मांग ४,००० मेगावाट से अधिक हो गई, जो इस गर्मी में पहली बार ३,४००-३,६०० मेगावाट की सामान्य मांग को पार कर गई। सोमवार को शहर की बिजली की मांग ३,९७३ मेगावाट थी।
मुंबई शहर में करीब ५० लाख बिजली उपभोक्ता हैं, जिन्हें बेस्ट, अडानी इलेक्ट्रिसिटी, टाटा पावर और एमएसईडीसीएल द्वारा बिजली आपूर्ति की जाती है। टाटा पावर के अधिकारियों ने कहा कि शहर और उपनगरों में पैâले उसके ७.५ लाख उपभोक्ताओं की मांग १,००५ मेगावाट तक पहुंच गई। वहीं १ अप्रैल से टाटा पावर ने टैरिफ में २२-२४³ की बढ़ोतरी की है और यह बढ़ोतरी उन लोगों के लिए सबसे अधिक है, जो महीने में ३०० यूनिट तक बिजली की खपत करते हैं।
मुंबई में १०.५ लाख बेस्ट उपभोक्ताओं द्वारा इस्तेमाल की गई बिजली लगभग ८८०-९०० मेगावाट तक पहुंच गई, जबकि सामान्य गर्मी के दिनों में यह ७३०-७५० मेगावाट होती है, जबकि अडानी इलेक्ट्रिसिटी उपभोक्ताओं की अधिकतम मांग २,०७० मेगावाट तक पहुंच गई। बिजली विशेषज्ञों ने दावा किया कि खुले बाजार में बिजली की कीमत दिन के समय के आधार पर ८-१० रुपए प्रति यूनिट तक पहुंच रही है, जबकि सामान्य परिस्थितियों में यह २-४ रुपए प्रति यूनिट होती है। एक बिजली विशेषज्ञ ने कहा, ‘अगले कुछ दिनों में बिजली की मांग अकेले मुंबई में ४,२०० मेगावाट से अधिक हो सकती है।’ मंगलवार को पूरे राज्य में बिजली की मांग बढ़कर २४,२३४ मेगावाट हो गई। ट्रॉम्बे और दहानू में स्थित ताप विद्युत संयंत्र – जो क्रमश: टाटा पावर और अडानी इलेक्ट्रिसिटी के स्वामित्व में हैं – मुंबई को लगभग १,४३० मेगावाट बिजली की आपूर्ति करते हैं। कुछ बिजली सौर, पवन और हाइड्रो जैसे नवीकरणीय स्रोतों से उत्पन्न की जाती है।