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हिंदुत्व का दम भरने वाली सरकार में सुरक्षित नहीं हैं मंदिर! …मीरा रोड के शांति पार्क स्थित भव्य मंदिर पर चला हथौड़ा

प्रेम यादव / मीरा-भायंदर
मीरा रोड के शांति पार्क इलाके में स्थित हवेली नाम से प्रसिद्ध श्रीनाथजी और कृष्ण भगवान के दो भव्य मंदिर, जो पिछले १८ वर्षों से श्रद्धालुओं की आस्था केंद्र रहे हैं, अब विवादों के घेरे में आ गए हैं। मंदिर की जमीन के मालिकाना हक को लेकर हाई कोर्ट में लंबे समय से लड़ाई चल रही थी। स्थानीय प्रशासन ने मंदिर के कुछ हिस्सों को अवैध घोषित किया था। इस पैâसले के खिलाफ मंदिर ट्रस्ट ने अदालत का रुख किया और तोड़क कार्रवाई पर रोक के लिए स्टे ऑर्डर प्राप्त किया था। हालांकि, हाल ही में अदालत ने यह स्टे हटा दिया, जिसके बाद मीरा-भायंदर महानगरपालिका ने मंदिर ट्रस्ट को तोड़क कार्रवाई के लिए नोटिस जारी किया।
मंदिर से हजारों स्थानीय लोगों की भावनाएं जुड़ी हैं, जिन्होंने प्रशासन के इस कदम का विरोध किया है। मंदिर के ट्रस्टी अजीत मलकान ने कहा, ‘हम हाई कोर्ट के आदेश का सम्मान करते हैं। हमारी कोशिश है कि मंदिर की गरिमा बनी रहे और किसी मूर्ति या धार्मिक प्रतीक को नुकसान न पहुंचे इसीलिए हम स्वयं ही अवैध हिस्से को तोड़कर उसे सुंदर रूप देंगे।’
मंदिर ट्रस्टी अजीत मलकान ने प्रशासन के दोहरे मापदंडों पर सवाल उठाते हुए कहा, ‘शहर में कई अन्य धर्मस्थल और राजनीतिक दलों के अवैध कार्यालय हैं, लेकिन उन पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। यह एकतरफा कार्रवाई हमारी धार्मिक भावनाओं पर चोट पहुंचाने के समान है। अगर हमारा अवैध हिस्सा तोड़ा जा रहा है, तो अन्य अवैध धर्मस्थलों और निर्माणों पर भी समान कार्रवाई होनी चाहिए। मंदिर के नाम पर राजनीतिक रोटियां सेंकना बंद होना चाहिए।’
सवालों के घेरे में प्रशासन
अब यह सवाल उठ रहा है कि पूरे मीरा-भायंदर शहर में केवल एक या दो मंदिरों को ही तोड़ने का निर्णय क्यों लिया गया है। क्या यह धार्मिक स्थलों के खिलाफ पक्षपातपूर्ण रवैया नहीं है? मंदिर ट्रस्ट ने अपने बयान में स्पष्ट किया है कि वे अदालत के आदेश का सम्मान करते हुए अवैध हिस्से को स्वयं तोड़ने के लिए तैयार है। हालांकि, शहर के अन्य अवैध निर्माणों और धार्मिक स्थलों पर कार्रवाई की निष्पक्षता पर सवाल अभी भी बरकरार है।

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