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समाज में लगातार बढ़ रहा तनाव और नफरत, जो कि अत्यंत ही चिंताजनक– बाबा दुबे

सामना संवाददाता / जौनपुर

समाज में लगातार बढ़ रही नफरत की भावना तथा धार्मिक और जातिगत तनाव पर गंभीर चिता जताते हुए बदलापुर विधानसभा के पूर्व विधायक ओमप्रकाश दुबे उर्फ बाबा दुबे ने कहा कि स्थितियों में अगर सकारात्मक बदलाव नहीं आया तो हमें पछताने के सिवा कुछ नहीं मिलेगा। वरिष्ठ पत्रकार शिवपूजन पांडे से की गई बातचीत में उन्होंने कहा कि समाज मजबूत होगा, तभी देश मजबूत होगा। परंतु दुर्भाग्य से समाज का लगातार नैतिक और मानवीय पतन हो रहा है। अधिक संसाधनों और उच्च शिक्षा के बावजूद हम शांत और संतुष्ट नजर नहीं आ रहे। हमने अपने पूर्वजों से क्या पाया और अपनी अगली पीढ़ी को क्या देने जा रहे हैं? एक तरफ जहां राजनीतिक दल अपने वोट बैंक के हिसाब से राजनीति कर रहे हैं, वहीं धर्म के ठेकेदार अपनी अपनी दुकान चलाने में लगे हैं। कोई गड़े मुर्दे उखाड़ने में लगा हुआ है तो कोई महापुरुषों और महान वीरों पर कीचड़ उछालने में लगा है। राजनीतिक पार्टियां अपनी अपनी डफली, अपना अपना राग बजा और सुना रही हैं । आम आदमी पूरी तरह से भ्रमित है। बाबा दुबे ने कहा कि इतिहास की कब्रें मत खोदो, देश को आगे बढ़ने दो l वीर शिरोमणि राणा सांगा, मुगल शासक औरंगज़ेब, अंग्रेज आदि, यह सभी इस देश के भविष्य नहीं हैं, ये अतीत के पन्ने हैं ।लेकिन कुछ लोग जाति, धर्म और अतीत के झगड़ों में आम जनता को झोंककर, खुद सत्ता में आना चाहते है। उन्होंने कहा कि आखिर वह क्या कारण है जिसके चलते अबू हासिम आज़मी औरंगजेब को महान शासक बता रहे हैं ? रामजीलाल सुमन राणा सांगा को गद्दार बता रहे हैं। यह सब कुछ एक तयशुदा राजनीति के तहत हो रहा है।
बाबा दुबे ने कहा कि आज देश में असली मुद्दे गायब हो गए हैं। बेरोजगारी पर कोई बहस नहीं, महंगाई पर कोई चर्चा नहीं, लेकिन कौन राजा था और किसने क्या किया, इस पर सड़क से संसद तक बवाल हो रहा है, जातीय संघर्ष का उन्माद फैलाया जा रहा है, इसी षड्यंत्र के खेल में राजनीतिक दल जनता को फिर से ठगेंगे l उन्होंने कहा कि प्रगति चाहते हो तो इतिहास से सीखो,परंतु उसे जातीय संघर्ष का हथियार मत बनाओ, देश चलाने के लिए आज नीति चाहिए, नीयत चाहिए और सर्व समाज का साथ चाहिए, लेकिन यहां मानवता के बीच नफरत फैलाने की राजनीति हो रही है। अगड़े-पिछड़े का खेल रचकर कौन क्या फायदा उठाएगा, ये दिख रहा है। लेकिन क्या इस आग में जलने के लिए आम जनता ही बनी है l
बाबा दुबे ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि कुछ विक्षिप्त लोगों के विवादित बयानों पर आपसी सामंजस्य ना बिगाड़े वरना आने वाले पीढ़ी का भविष्य बर्बाद होगा और आने वाली पीढ़ी हमें माफ नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि अपराधियों की कोई जाति नहीं होती। किसी भी अपराधी को जाति के नजरिया से देखना और उसका महिमा मंडन करना, अपराध को केवल बढ़ावा देता है।

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