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मानसून में इंफेक्‍शन का टेंशन …बढ़ जाती हैं बीमारियां

– चिकित्सकों ने सुझाए बचाव के उपाय
धीरेंद्र उपाध्याय / मुंबई
मानसून तपती गर्मी से राहत तो दिलाता है, लेकिन यह अपने साथ अनेक बीमारियां भी लेकर आता है। कई इंफेक्‍शन अथवा संक्रमण ऐसे हैं, जिनकी संख्‍या मानसून में काफी बढ़ जाती है। इनके बढ़ने का कारण है इस समय जलवायु का उनके लिए अनुकूल होना। ऐसे में चिकित्सकों ने मानसून के पांच इंफेक्शन के टेंशन को कम करने के लिए बचाव के उपायों के सुझाए हैं।
मुलुंड के फोर्टिस अस्पताल में जनरल मेडिसिन व डायरेक्टर डॉ. अनीता मैथ्यू ने कहा कि मानसून में सबसे आम मलेरिया संक्रमण होता है। मच्छर के काटने पर पैरासाइट प्लाज्मोडियम व्यक्ति के खून में पहुंच जाता है। हमारे देश में मलेरिया के दो आम रूप विवैक्स और फाल्सीपेरम देखने को मिलते हैं। हालांकि, मलेरिया के बारे में वर्षों पहले से जानकारी उपलब्‍ध है, फिर भी कुछ लोगों में अभी भी इसका गंभीर संक्रमण हो जाता है और कभी-कभी यह संक्रमण इतना गंभीर होता है कि इससे मौत तक हो जाती है। ठंड और कंपकंपी के साथ बुखार और सिरदर्द इसके लक्षणों में शामिल हैं। आमतौर पर इसका बुखार निश्चित समय पर आता है, जिसमें रोगी बुखार चढ़ने के बीच ठीक रहता है। इससे बचने के लिए पूरी बांह वाले और लंबे कपड़े पहनना, फॉगिंग कराना, साफ-सफाई रखना मच्छरों के प्रजनन स्थलों से बचने के लिए पानी का जमाव नहीं होने देना। इसके बाद डेंगू भी मच्छर जनित बीमारी है, जो एडिस मच्छरों के काटने से होता है।
रात में सक्रिय रहने वाले एनाफे लीज मच्छरों के विपरीत एडिस मच्छर दिन के समय सक्रिय रहते हैं। एडिस मच्छर के काटने से होने वाले लक्षणों में बुखार, ठंड, तेज सिरदर्द और शरीर में दर्द शामिल हैं। इसमें खून में प्लेटलेट्स घट जाते हैं और डिहाइड्रेशन हो सकता है, जिसके कारण जटिलताएं पैदा हो सकती हैं। इसमें बुखार लगभग लगातार बना रहता है और पैरासिटामोल जैसे दवा लेने पर ही कम होता है। इसकी रोकथाम भी मलेरिया के जैसी ही होती है।

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