सामना संवाददाता / नई दिल्ली
कनाडा के बाद अब ब्रिटेन में भी खालिस्तानी समर्थकों का आतंक बढ़ रहा है। रिपोर्ट के अनुसार, अब भारतीय छात्रों की एंट्री को यहां रोकने का प्रयास किया जा रहा है। इंग्लैंड में उच्च शिक्षा क्षेत्र की स्थिरता पर एक नई रिपोर्ट से पता चला है कि भारतीय छात्रों को ब्रिटेन के विश्वविद्यालयों में आवेदन करने से रोका जा रहा है, इसमें खालिस्तानी समर्थकों का हाथ बताया जा रहा है। ब्रिटेन में पढ़ाई करने गए भारतीय छात्र के समूहों ने कहा कि सीमित नौकरी की संभावनाओं और हाल ही में कुछ शहरों में भारत विरोधी दंगों के बाद सुरक्षा चिंताओं के बीच गिरावट की उम्मीद की जा सकती थी।
हालांकि, इसका असर अब दिखाई देना भी शुरू हो गया है। सरकार के शिक्षा विभाग के गैर-विभागीय सार्वजनिक निकाय ‘ऑफिस फॉर स्टूडेंट्स’ की रिपोर्ट में कहा गया है कि गैर-ब्रिटिश छात्रों के छात्र वीजा आवेदनों में काफी गिरावट आई है। इसमें आगे कहा गया है कि यह आंकड़ा अंतर्राष्ट्रीय छात्रों को जारी किए गए प्रायोजक स्वीकृतियों की कुल संख्या में ११.८ प्रतिशत की गिरावट दर्शाता है।
इंडियन नेशनल स्टूडेंट्स एसोसिएशन’ (आईएनएसए) ब्रिटेन ने कहा कि उसे भारतीय छात्रों को उन पर आश्रित साझेदारों और जीवनसाथी को साथ लाने की अनुमति देने पर सरकार की रोक को देखते हुए भारत से छात्रों की संख्या में उल्लेखनीय कमी से कोई आश्चर्य नहीं हुआ।
कनाडा में भी तनाव में छात्र
भारत और कनाडा के रिश्तों में तनाव के कारण इसका असर भारत के छात्रों पर पड़ रहा है। कनाडा सरकार ने भारतीय छात्रों के लिए फास्ट ट्रैक स्टूडेंट वीजा कार्यक्रम को खत्म कर दिया है, जिसके कारण कनाडा में पढ़ने वाले छात्रों को वीजा मिलने में देरी देखने को मिल रही है और छात्रों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।