मुख्यपृष्ठनए समाचारआतंकी हमले हो रहे हैं...मणिपुर जल रहा है...सरकार खामोश क्यों है?

आतंकी हमले हो रहे हैं…मणिपुर जल रहा है…सरकार खामोश क्यों है?

सामना संवाददाता / नई दिल्ली

जब से एनडीए की नई सरकार बनी है तब से लगातार पिछले चार दिनों से जम्मू-कश्मीर में एक के बाद एक आतंकी हमले हो रहे हैं। पिछले एक साल से मणिपुर में हिंसक घटनाएं हो रही हैं। पंजाब में तनावपूर्ण हालात बने हुए हैं। गुजरात के बंदरगाहों पर ड्रग्स की खेप पर खेप उतर रही हैं। इन सभी घटनाओं के बीच नव निर्वाचित एनडीए सरकार की खामोशी कई सवाल खड़े कर रही है। ऐसा आरोप विपक्ष की ओर से लगाया जा रहा है। जम्मू-कश्मीर में पिछले चार दिनों में चार बड़े आतंकी हमलों ने सुरक्षा की पोल खोलकर रख दी है। इसीके साथ ही भाजपा के उन दावों की भी पोल खुल गई है, जिसमें अनुच्छेद ३७० हटाकर शांति का दावा किया गया था।
बता दें कि जम्मू-कश्मीर के डोडा जिले के गंडोह इलाके के एक गांव में बुधवार १२ जून शाम आतंकवादियों ने तलाशी दल पर गोलीबारी की, जिसमें एक पुलिसकर्मी घायल हो गया। उन्होंने बताया कि शाम करीब ७ बजकर ४१ मिनट पर भलेसा के कोटा टॉप इलाके से गोलीबारी की खबर मिली, जिस पर सुरक्षा बलों ने जवाबी कार्रवाई की। आखिरी रिपोर्ट मिलने तक दोनों पक्षों के बीच रुक-रुककर गोलीबारी जारी थी। उन्होंने बताया कि घेराबंदी को मजबूत करने के लिए इलाके में अधिक बल भेजा गया है। घायल सुरक्षाकर्मी की पहचान विशेष पुलिस अधिकारी फरीद अहमद के रूप में हुई है। पुलिस ने बताया कि सुरक्षा बलों ने गंडोह के ऊपरी इलाकों में आतंकवादियों के एक समूह से फिर से संपर्क स्थापित कर लिया है। मुठभेड़ जम्मू-हिमाचल प्रदेश सीमा से ५ किलोमीटर दूर एक इलाके में हो रही है।
वहीं दूसरी ओर मणिपुर घटना को लेकर कुछ दिनों पहले ही संघ प्रमुख मोहन भागवत ने मणिपुर में अशांति को लेकर चिंता जताई थी। आरएसएस चीफ ने कहा था कि अशांति या तो भड़की या भड़काई गई, लेकिन मणिपुर जल रहा है और लोग इसका सामना कर रहे हैं। उन्होंने इसे प्राथमिकता से सुलझाने पर जोर दिया था। उन्होंने कहा था कि मणिपुर पिछले एक साल से शांति स्थापित होने की प्रतीक्षा कर रहा है। दस साल पहले मणिपुर में शांति थी। ऐसा लगा था कि वहां बंदूक संस्कृति खत्म हो गई है, लेकिन राज्य में अचानक हिंसा बढ़ गई है। इससे पहले कांग्रेस बार-बार मणिपुर के मुद्दे पर भाजपा सरकार को घेरती रही है लेकिन इन सभी मुद्दों पर भाजपा सरकार की खामोशी ने बड़े सवाल पैदा किए हैं।
चार दिन बाद एक्शन मोड पर एचएम व पीएम
चार दिन में चार बड़े आतंकी हमले के बाद गुरुवार को देश की पीएम मोदी ने जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा बैठक की। इस बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और अन्य अधिकारी भी शामिल रहे। हालांकि, बैठक के दौरान, मोदी ने वरिष्ठ अधिकारियों से भारत की आतंकवाद-विरोधी क्षमताओं की पूरी तरह से तैनाती का आग्रह किया। उन्होंने सुरक्षा बलों की तैनाती और आतंकवाद विरोधी अभियानों के बारे में गृह मंत्री अमित शाह से भी बात की। साथ ही आतंक के खिलाफ कोई कसर न रखने के आदेश मोदी की ओर से दिए गए। लेकिन अब ऐसे में यह सवाल उठ रहे हैं कि आखिर आतंकी घटनाओं पर कोई एक्शन प्लान बनाने के लिए पीएम मोदी को चार दिन लगे।

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