मुख्यपृष्ठस्तंभदिल्ली में आतंकी साया!

दिल्ली में आतंकी साया!

योगेश कुमार सोनी

दिल्ली के आरके पुरम स्थित डीपीएस स्कूल के प्रिंसिपल को ब्लास्ट को लेकर एक मेल आया, जिससे स्कूल में हड़कंप मच गया था। मामले की गंभीरता को देख प्रिंसिपल ने पुलिस को मामले की जानकारी दी और इसके बाद पुलिस हर एंगल से मामले की जांच कर रही है। बता दें कि जैसे इस इस घटना का पता चला तो स्कूल प्रशासन ने पूरा स्कूल खाली करा दिया था और अभिभावकों को जानकारी दे दी थी। इसके बाद माहौल तनावपूर्ण था, लेकिन बहुत देर तक कोई भी घटना न होते देख माहौल शांत हुआ। बता दें कि किसी स्कूल को उड़ाने की धमकी देने का यह कोई पहला मामला नहीं है। कुछ वर्ष पहले पंजाब के अमृतसर में भी डीएवी स्कूल को बम से उड़ाने की धमकी दी गई थी, लेकिन वो भी सिर्फ धमकी ही थी। इस प्रकरण में सवाल यह खड़ा होता है कि आखिर स्कूल पर इस तरह की मंशा रखने का क्या उद्देश्य हो सकता है? क्या यह सिर्फ स्कूल की छवि खराब करने के लिए किया जा रहा है या बच्चों को मानसिक क्षति का उद्देश्य है, या अन्य को विशेष कारण? मामला चाहे कुछ भी हो, लेकिन इस प्रकरण में कानून को बेहद गंभीरता से काम करना होगा, क्योंकि देश की सुरक्षा के लिए यह संकेत अच्छा नहीं है। हालांकि, पुलिस ने कहा कि इस धमकी के बाद हमने तीन घंटे में ही मामले को ट्रेस कर लिया था और जांच में पता चला था कि ये अफवाह स्कूल के ही छात्रों ने फैलाई थी। इस बात पर कोई यकीन नहीं कर पा रहा है, इसके पीछे की वजह ये है कि कई बार प्रेशर के कारण पुलिस को घटना का खंडन करना अनिवार्य होता है। बीते दिनों कई ऐसी घटनाएं हुईं, जिससे देश में सुरक्षा को लेकर एक बड़ा चिंता का विषय बना हुआ है। सिद्धू मूसेवाला कांड व इसके बाद राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की ५ दिसंबर को घर में ही गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। बीते १६ जनवरी को उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले के शिव करणी सेना के उपाध्यक्ष की गोली मारकर हत्या कर दी गई व बेटी का अपहरण भी कर लिया था। दरअसल, देश में कई गैंगस्टर आतंकी संगठन का काम कर रहे हैं, जिसके आधार पर यह कहा जा सकता है कि अब देश का बाहरी आतंकियों से देश में पल रहे गैंगस्टरों से खतरा ज्यादा है। इस प्रकरण में सरकार की पूर्ण रूप से विफलता मानी जाएगी। जब इस तरह के लोग देश के लिए खतरा बनते जा रहे हैं तो उनको फांसी क्यों नहीं दी जा रही। क्या सरकार को अभी भी किसी बड़े हमले का इंतजार है? बहरहाल, दिल्ली में इस घटना से यहां के लोग डरे हुए हैं व आतंकी साये होने के खतरे से शासन-प्रशासन के भी होश उड़े हुए हैं। मामले के नजरिए को कैसे भी देखें, लेकिन सच्चाई यह है कि इस समय मौजूदा सरकार देश में आंतरिक खतरे को भांप नहीं पा रही, जिससे देश के कई माननीयों व आमजन पर खतरा बना हुआ है।
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार व राजनीतिक मामलों के जानकार हैं।)

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