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दादा-शिंदे के चलते आतंकवादियों को मिली प्रेरणा! … संजय राऊत का जोरदार हमला

सामना संवाददाता / मुंबई
अजीत पावर और एकनाथ शिंदे वेश और नाम बदलकर मुंबई-दिल्ली एयरपोर्ट पर घूमते हैं। उनके इस बर्ताव के चलते दहशतवादियों को प्रेरणा मिली। इस तरह का जोरदार हमला शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) नेता व सांसद संजय राऊत ने किया। इसके साथ ही उन्होंने यह भी मांग की कि अजीत पवार और एकनाथ शिंदे ने जो वेश-भूषा बदलकर हवाई जहाज से सफर किया और जो पहचानपत्र इस्तेमाल किया, उन्हें जप्त कर उन पर कार्रवाई की जानी चाहिए।
संजय राऊत ने मंगलवार को दिल्ली में पत्रकारों से बातचीत की। इस दौरान संजय राऊत ने कहा कि अजीत पवार दिल्ली आए। उन्होंने मीडिया को उनकी एक्टिंग स्किल्स के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि मुंबई से दिल्ली आते वक्त पवार ने १० से १२ बार अपना वेश बदला। न सिर्फ वेश बदला, बल्कि फर्जी नाम से भी आए। संजय राऊत ने मांग की कि उनके सभी बोर्डिंग पास जब्त कर लिए जाएं। साथ ही अजीत पवार ने अपना वेश बदला, दाढ़ी-मूंछ रखी, टोपी पहनी थी। वे खुद ही कह रहे हैं कि उन्होंने ऐसे कई काम किए हैं। इससे पता चलता है कि देश में हवाई अड्डों की सुरक्षा कितनी ढीली है। दिल्ली और मुंबई जैसे शहरों के हवाई अड्डों पर कोई भी व्यक्ति नाम छिपाकर प्रवेश कर सकता है और देश के गृहमंत्री से भी मिल सकता है। इसका मतलब है कि इन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ खिलवाड़ किया है। इसमें देश और प्रदेश के गृह मंत्री शामिल हैं। इससे प्रेरणा लेकर आतंकी घुस सकते हैं। इनके कार्यकाल में दाऊद इब्राहिम कितनी बार आया होगा? या फिर क्या विदेश भागे कारोबारियों ने दिल्ली और मुंबई हवाई अड्डों की यात्रा की होगी? क्या दाऊद इब्राहिम, टाइगर मेमन, छोटा शकील को भी वेश बदलकर मुंबई-दिल्ली आने की सहूलियत दी थी? इस तरह के सवाल संजय राऊत ने किए। इससे आतंकियों और दहशतवादियों को प्रेरणा मिली है। संजय राऊत ने कहा कि जहां तक मेरी जानकारी है देवेंद्र फडणवीस ने कहा था कि सरकार गिरने से पहले वे और एकनाथ शिंदे वेश बदलकर घूम रहे थे। एकनाथ शिंदे जब भी दिल्ली जाते थे तो मौलवी बनकर जाते थे। उनकी दाढ़ी है। लेकिन वह अपना नाम बदलकर मौलवी बनकर दिल्ली चले गए। संजय राऊत ने कहा कि भले ही उन्होंने फिल्म धर्मवीर का निर्माण किया और खुद को आनंद दिघे का शिष्य बताया, लेकिन वे मौलवी के वेश में दिल्ली गए और अमित शाह से मिले।

सत्ता का समर्थन करने का मूल्य सरकार ने चुकाया
हिंदुस्थान में प्रतिकूल माहौल के कारण बहुत से उद्योगपति हिंदुस्थान छोड़ कर जा रहे हैं। पिछले ८ वर्षों में हजारों उद्योगपति देश छोड़ कर जा चुके हैं और अन्य देशों में निवेश किया है। डेढ़ लाख करोड़ से ज्यादा हिंदुस्थान के उद्योगपतियों ने अमेरिका में निवेश किया और लगभग ५ लाख रोजगार दिया है। बजट में ४ करोड़ नौकरियां देने की बात कही जा रही है लेकिन पिछले १० वर्षों में २० करोड़ नौकरी देने वाले थे उसका क्या हुआ? कहां गई नौकरियां? ऐसा सवाल संजय राऊत ने किया। वहीं भाजपा पर हमला बोलते हुए राऊत ने कहा कि भ्रष्ट्राचारियों का पैसा भ्रष्ट्राचारियों को पुन: लौटा दिया जा रहा है। दाऊद के गुर्गे इकबाल मिर्ची से प्रफुल्ल पटेल ने मनी लांड्रिंग के जरिए १८० करोड़ रुपए की प्रॉपर्टी खरीदी थी जिसे ईडी ने प्रफुल्ल पटेल के भाजपा में शामिल होते ही उन्हें वापस लौटा दिया।

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