बजट में की भारी कटौती, शहरवासियों को होगी परेशानी
सामना संवाददाता / मुंबई
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के जिले में ठाणे में इस साल बारिश के दौरान ठाणेकरों को गड्ढे में सफर करना होगा, इसलिए सड़क पर चलते समय ठाणेकरों को सावधान रहकर यात्रा करनी चाहिए। बताया जाता है कि ठाणे महानगरपालिका प्रशासन ने पिछले साल की तुलना में गड्ढा भरने के बजट में ५० लाख की कटौती की है और केवल दो करोड़ रुपए उपलब्ध कराए हैं। चूंकि प्रत्येक वॉर्ड को ५० लाख रुपए कम मिलेंगे इसलिए संभावना है कि मनपा प्रशासन को गड्ढे भरने में बड़ी मशक्कत करनी पड़ेगी। धन के अभाव में सड़कों पर गड्ढे ऐसे ही बने रहे तो स्कूल जाने वाले छात्र-छात्राओं, महिलाओं, वरिष्ठ नागरिकों समेत वाहन चालकों को काफी परेशानी उठानी पड़ेगी।
मनपा ने दावा किया है कि ठाणे शहर में सड़क का ९० फीसदी काम पूरा हो चुका है। इनमें से अधिकांश सड़कें सीमेंट कंक्रीट से बनी हैं, जबकि कुछ स्थानों पर डामर वाली सड़कें शामिल हैं। हालांकि, मनपा के अधिकारियों का कहना है कि शहर में सड़कों को मजबूत किया गया है। भारी बारिश के दौरान नागरिकों को ठाणे में गड्ढों का सामना करना पड़ सकता है। इस साल मौसम विभाग का अनुमान है कि सौ फीसदी से ज्यादा बारिश होगी और भारी बारिश में नवनिर्मित सड़कें कितनी मजबूती रखेंगी, इस पर संदेह है।
ठाणेकर गड्ढामुक्त यात्रा कर सकें, इसके लिए मनपा प्रशासन ने दो चरणों में ६०५ करोड़ रुपए खर्च कर सड़क का काम शुरू किया। अधिकारियों का कहना है कि ९० फीसदी काम पूरा हो चुका है, लेकिन फिर भी बारिश होने पर तुरंत गड्ढे भरने के लिए दो करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं। यह रकम पिछले साल से ५० लाख कम है। नागरिकों ने सीधे तौर पर सवाल किया है कि इतनी कम धनराशि पर्याप्त होगी क्या? वहीं मनपा अधिकारी यह सोचते हैं कि बरसात के दिनों में गड्ढे नहीं पड़ेंगे या कम पड़ेंगे।
बरसात के दौरान सड़कों पर गड्ढे न बनें, इसके लिए मनपा ने दो करोड़ का प्रावधान किया है। नौ वॉर्ड समितियों के तहत यह प्रावधान २० लाख प्रस्तावित किया गया है।
टेंडर प्रक्रिया फाइनल हो चुकी है और ठेकेदारों को वर्कऑर्डर भी दे दिए गए, वहीं पिछले साल सड़क पर गड्ढे भरने के लिए २.५० करोड़ रुपए आवंटित किए गए थे।
मनपा सूत्रों ने जानकारी दी है कि इस साल सड़क के काम के कारण गड्ढे भरने का बजट ५० लाख रुपए कम हो गया है, लेकिन जो सड़कें बनी हैं, वे इस साल की बारिश में कितनी मजबूत रहेंगी, इसे लेकर संदेह व्यक्त किया जा रहा है।
मनपा सीमा में अन्य प्राधिकरणों की सड़कों में गड्ढे होने के बाद भी मनपा के पास खुद गड्ढे भरने का समय है। पिछले साल भी मनपा ने ही अपनी सड़कों के गड्ढे भरे थे। इस वर्ष भी मनपा पर यही संकट आने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।