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दोहरे हत्याकांड का आरोपी वसई से बंगलुरु तक बदलता रहा अपनी पहचान…17 साल बाद पुलिस ने किया गिरफ्तार

सामना संवाददाता / वसई

क्राइम ब्रांच सेल-2 (मीरा-भायंदर, वसई-विरार पुलिस आयुक्तालय) ने 2008 में वसई-पूर्व में अपने करीबी दोस्त और 2002 में पश्चिम बंगाल के हल्दिया जिले में अपनी सौतेली मां और तीन मासूम सौतेले भाई-बहनों की हत्या करने वाले आरोपी को कर्नाटक के बंगलुरु से गिरफ्तार किया है।
पुलिस के अनुसार, 27 मार्च 2008 को आरोपी राजू उर्फ अक्षय विजय शुक्ला ने अपने करीबी दोस्त मनोज राजबिहारी साह (निवासी नाइकपाड़ा, वालिव, वसई-पूर्व) की यूटिलिटी प्रिंटर्स कंपनी (कल्पतरु इंडस्ट्रियल एस्टेट, चिंचपाड़ा, वालिव) के अटारी में दीवार पर सिर मारकर और फीते जैसी रस्सी से गला घोंटकर हत्या कर दी थी। इस मामले में मानिकपुर पुलिस स्टेशन में आईपीसी की धारा 302 के तहत केस दर्ज किया गया था।
क्राइम ब्रांच सेल-2 ने वरिष्ठ अधिकारियों के आदेशानुसार हत्या के अनसुलझे मामलों को सुलझाने के लिए अभियान शुरू किया। जांच के दौरान आरोपी की तलाश में बिहार (पैतृक गांव, जिला सारण) और अन्य संभावित ठिकानों पर दबिश दी गई, लेकिन कोई ठोस जानकारी नहीं मिली। बाद में तकनीकी जांच और मुखबिर की सूचना के आधार पर पता चला कि आरोपी महाराष्ट्र से भागकर गुजरात के सूरत में अलग-अलग नामों से रह रहा था।
जांच को आगे बढ़ाते हुए, पुलिस ने आरोपी के बचपन के दोस्तों के मोबाइल नंबर हासिल कर उनकी कॉल डिटेल्स का विश्लेषण किया। इससे पता चला कि वह बंगलुरु में अपने परिवार के साथ रह रहा है और सुरक्षा गार्ड, मैकेनिक व प्लंबर के रूप में काम कर रहा था। वह लगातार अपनी पहचान बदलकर पुलिस को गुमराह कर रहा था। पूछताछ में आरोपी ने कबूल किया कि 2002 में वह अपने पिता, सौतेली मां और तीन सौतेले भाई-बहनों के साथ हल्दिया (पश्चिम मिदनापुर, पश्चिम बंगाल) में रहता था। सौतेली मां उसके साथ दुर्व्यवहार करती थी, जिससे नाराज होकर 26 फरवरी 2002 को उसने अपनी सौतेली मां गीता विजय शुक्ला, सौतेली बहनें पूजा (7) और प्रियंका (6) तथा सौतेले भाई मान (2) की हत्या कर दी थी। इस हत्याकांड के बाद उसके पिता विजय कुमार शुक्ला (अब मृत) ने हल्दिया पुलिस थाने में आरोपी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 302, 307, 326 के तहत मामला दर्ज कराया था। अपराध के बाद वह नवी मुंबई, ठाणे और वसई में नाम बदलकर छिपता रहा और अंततः वसई में एक और हत्या को अंजाम दिया। तकनीकी जांच, मुखबिरों और कॉल रिकॉर्ड के आधार पर क्राइम ब्रांच, सेल-2 की टीम ने 17 साल बाद कर्नाटक के बंगलुरु में महादेवपुरा पुलिस स्टेशन के अधिकार क्षेत्र से आरोपी को गिरफ्तार कर लिया।अब पुलिस आरोपी से पूछताछ कर रही है और आगे की कानूनी कार्रवाई जारी है।

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