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अडानी हटाओ, मुंबई बचाओ’ की लड़ाई हुई और तेज …‘अडानी रियल्टी’ के लिए घातियों की मैच फिक्सिंग

सामना संवाददाता / मुंबई
शिंदे-फडणवीस सरकार ने पुनर्विकास परियोजना के नाम पर धारावी की जमीन को अडानी के गले में डालने के लिए धारावी के लोगों को धोखा दिया है। इस सरकार ने अडानी के पैरों में गिरने का काम किया है। निर्माण क्षेत्र में पर्याप्त अनुभव नहीं होने के बावजूद अडानी रियल्टी को धारावी पुनर्विकास परियोजना से सम्मानित किया गया है। ‘मुंबई डिफेंस कमेटी’ ने गंभीर आरोप लगाया है कि घाती सरकार ने टेंडर प्रक्रिया में भी पक्षपात कर एक तरह से ‘मैच फिक्सिंग’ की है। ‘मुंबई बचाव समिति’ ने अपना दृढ़ विश्वास व्यक्त किया है कि धारावी से ‘अडानी हटाओ, मुंबई बचाओ’ की लड़ाई जारी रहेगी।
बता दें कि राज्य की शिंदे-फडणवीस सरकार ने साल २०२२ में टेंडर प्रक्रिया लागू कर धारावी पुनर्विकास परियोजना के काम के लिए अडानी रियल्टी को मंजूरी दे दी है। यह टेंडर प्रक्रिया अडानी रियल्टी की नियुक्ति के लिए महज एक तमाशा थी। अडानी रियल्टी को ८० प्रतिशत शेयर पूंजी और राज्य सरकार की २० प्रतिशत हिस्सेदारी का मतलब है कि अडानी रियल्टी को एकतरफा निर्णय लेने का अधिकार दिया गया है। अडानी रियल्टी को दिए गए पुनर्विकास परियोजना के टेंडर को मैच फिक्सिंग पद्धति के माध्यम से निविदा प्रक्रिया आयोजित करके रद्द किया जाना चाहिए, क्योंकि धारावी पुनर्विकास एक (घ्र्‍ण्घ्ऊळ)आईएनसीआईटीयू परियोजना है। धारावी के सभी झुग्गीवासियों को धारावी में फिर से बसाया जाना चाहिए। उन्हें ५०० वर्ग फीट का घर मुफ्त में दिया जाना चाहिए, वहीं इमारत के निवासियों को ७५० वर्ग फुट का घर मुफ्त दिया जाना चाहिए। इतना ही नहीं म्हाडा, एमएमआरडीए, सिडको जैसी संस्थाओं के माध्यम से धारावी का पुनर्विकास किया जाना चाहिए, ऐसी मांग मुंबई बचाव समिति ने की है।
अडानी को प्लॉट देना बंद करो
सरकार को प्रोजेक्ट के नाम पर अडानी को मुंबई में प्लॉट देना बंद करना चाहिए। विक्रोली, कांजूरमार्ग, मुलुंड, वडाला, बोरीवली, मीठागर साइट, डंपिंग साइट, टोल प्लाजा, दूध डेयरी साइट बिना किसी विचार के अडानी को दी जा रही है। धारावी रेस्क्यू मूवमेंट के संयोजक और शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के पूर्व विधायक बाबूराव माने ने कहा कि हम मुंबई में अडानी को ये जगह देने के खिलाफ हैं।

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