अनिल मिश्र / पटना
बिहार प्रदेश के सीमांचल के नाम से मशहूर पूर्णिया में चल रहे दो दिवसीय राज स्तरीय लोकनाच महोत्सव में पूरे बिहार के तीन सौ से ज्यादा बच्चों ने शिरकत किया। इस बीच गया किलकारी बिहार बाल भवन के बच्चों ने अपने गया की मगही लोक नृत्य पणिहारिया की प्रस्तुति पेश किया। इस नृत्य के निर्देशक गौतम कुमार गोलू ने बताया कि बिहार के सभी नौ प्रमंडलों से आए बच्चों ने अपने-अपने जिले का लोकप्रिय लोकनृत्य की प्रस्तुति दी, लेकिन गया के मगही लोकनृत्य ने आए हुए अतिथियों को काफी ज्यादा पसंद आया। गया का मगही लोकगीत जब नन्हे कलाकार गा रहे थे और उसी गीत पर छोटी-छोटी बच्चियों ने जो मगही अंदाज में नृत्य पेश किया वह बहुत अद्भुत नजारा था। दर्शक दीघा में लोग झूम उठे तालिया की गड़गड़ाहट से पूरा पूर्णिया किलकारी कैंपस गूंज उठा। संगीतकार दिनेश कुमार मौउर ने जो तबला पेश किया, वो भी काफी सहरानीय रहा। इस संबंध में गया किलकारी के प्रमंडल कार्यक्रम समन्वयक राजीव रंजन श्रीवास्तव ने बताया कि गया की दो प्रस्तुति है।
एक लाइव जिसमें बच्चे खुद गाना गाते बजते हुए अपने क्षेत्र का मगही लोक नृत्य प्रस्तुत कर रहे हैं। दूसरी ओर कसम खाइयो गंगा जी के कबीर मथुरा प्रसाद जी के गीत पर भी प्रस्तुति किए जाएंगे। सुबह के सत्र में बच्चों ने योग किया एवं दूसरे सत्र में संवाद सत्र में नृत्य के विशेषज्ञ सुदीप बोस से कई सारे नृत्य से संबंधित सवाल जवाब किया, जिसमें बच्चियों का नाम रिया कुमारी, स्वाती राज,अमीषा कुमारी, खुशी कुमारी, रुपाली कुमारी, प्रियांशी कुमारी, मुस्कान कुमारी, शैली कुमारी, इशिका कुमारी, ऋषिका सिंह, तानिया कुमारी, छोटी कुमारी, इशिका कुमारी, शाश्वत कुमार, क्राफ्ट प्रशिक्षक कल्पना सिंह आदि मौजूद रहे। वहीं इस कार्यक्रम का उद्घाटन पूर्णिया प्रमंडल के आयुक्त राजेश कुमार ने किया। वहीं इस अवसर पर पूर्णिया के जिलाधिकारी कुंदन कुमार, निर्देशक किलकारी ज्योति परिहार एवं अन्य प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित रहे।