फिरोज खान / मुंबई
तकनीक के बढ़ते इस्तेमाल के साथ ही बेरोजगारों के बीच जॉब पोर्टल और ऐप्स के जरिए नौकरी तलाश करने का प्रचलन बढ़ा है। सायबर ठग इसका पूरा फायदा उठा रहे हैं। इस साल सायबर ठगों ने ४३१ बेरोजगार युवाओं को अपना निशाना बनाकर करोड़ों रुपए की ठगी की है। इसमें फिशिंग, विशिंग और सिम स्वैपिंग के खतरनाक खेल के साथ ठगी को अंजाम दिया गया है।
हाल ही में सायबर ठगों ने सिम स्वैप कर ७.५ करोड़ रुपए की ठगी की है। सायबर ठगों ने नौकरी दिलवाने के नाम पर एक मैकेनिकल इंजीनियर से १० लाख रुपए की ठगी की है। २५ वर्षीय पी. पी. श्रवण मैकेनिकल इंजीनियर हैं और वे नौकरी की तलाश में थे। इस बीच सायबर ठगों ने श्रवण से संपर्क किया और नौकरी दिलाने का लालच देकर उन्हें ठग लिया।
सिम स्वैपिंग
सिम स्वैपिंग में सायबर ठग किसी व्यक्ति के फोन नंबर को हाईजैक कर लेते हैं। इस ठगी में सायबर ठग फोन नंबर से जुड़े सिम कार्ड को बदलकर, पीड़ित के ऑनलाइन खातों तक पहुंच जाते हैं।
फिशिंग
सायबर ठग ईमेल की मदद से व्यक्ति को किसी कंपनी, बैंक, सरकारी एजेंसी का कर्मचारी या क्लाइंट बताते हैं। लोगों को नौकरी का लालच देकर उनका डिटेल मांगते हैं या ऐसा लिंक देते हैं।
विशिंग
इसमें फोन नंबर के सहारे लोगों की जरूरी सूचनाओं पर हमला बोला जाता है। यह सायबर अपराध का आसान तरीका है। प्रâॉड करने के लिए ठग ऐसे फोन नंबर का इस्तेमाल करते हैं, जिसका लोकल एरिया कोड हो।
नौकरी का लालच कर रहा जेब खाली
सायबर ठग बना रहे हैं निशाना
सायबर ठग अब बेरोजगारों को निशाना बनाकर उनकी जेब खाली कर रहे हैं। एक मैकेनिकल इंजीनियर श्रवण से उन्होंने १० लाख रुपए ठग लिए। ठगों ने उन्हें एम्प्लॉयमेंट वेबसाइट पर बायोडाटा अपलोड करने के लिए कहा, साथ ही यह भी कहा कि उनके लिए सिंगापुर में अच्छी तनख्वाह पर नौकरी उपलब्ध है। बाद में सायबर ठगों ने पीड़ित से रजिस्ट्रेशन, पेपर वर्क, मेडिकल जांच और रेसिडेंट परमिट के नाम पर तकरीबन १० लाख रुपए अपने खाते में ट्रांसफर करवा लिए। बाद में पीड़ित को पता चला कि उनके साथ ठगी हुई है। पीड़ित श्रवण ने २५ दिसंबर को सांताक्रुज पुलिस स्टेशन में ठगी की शिकायत दर्ज करवाई।
इसी तरह सिम स्वैपिंग के जरिए भी करोड़ों रुपए की ठगी की है। इसके जरिए ये ठग आम लोगों से लेकर बड़ी-बड़ी कंपनियों के बैंक खाते साफ कर देते हैं। २५ दिसंबर को एक निजी कंपनी के मालिक से सिम स्वैप धोखाधड़ी के जरिए ७.५ करोड़ रुपए की ठगी की गई। इस मामले में सायबर ठगों ने कंपनी के बैंक खाते तक पहुंचने के लिए उनके मोबाइल नंबर से जुड़ी सिम का इस्तेमाल किया। इसी तरह माहिम में रहनेवाले शख्स के साथ भी सिम स्वैपिंग के जरिए १ करोड़ ८६ लाख रुपए की ठगी की।