सड़कों के लिए २,८०० करोड़ रुपए का प्रस्ताव
संदीप पांडेय / मुंबई
मुुंबई मनपा में प्रशासक नियुक्त होने के बाद जिस तरह का गैरकानूनी कारोबार चल रहा है, उससे मनपा के कथित भ्रष्टाचारी ठेकेदारों की बल्ले-बल्ले चल रही है। यानी मनपा में चोरों का बोलबाला चल रहा है? मनपा में चल रहे भ्रष्टाचार का अंदाजा इसी लगाया जा सकता है कि जिस ठेकेदार को मनपा ने ब्लैकलिस्टेड किया था। उसी को मनपा अब करोड़ों रुपए का ठेका दे रही है। बता दें कि मुंबई की सड़कों पर ट्रैफिक जाम होना आम बात हो गई है। जिससे नागरिकों को अपने मंजिल तक पहुंचने में देरी के साथ ही कई अन्य मुसीबतों का सामना करना पड़ता है। अब जाकर मनपा को मुंबई की सड़कों पर ट्रैफिक जाम होने की फिक्र हुई है। मनपा ने इस भीड़ को कम करने के लिए मुंबई की ईस्टर्न एक्सप्रेस हाईवे और वेस्टर्न एक्सप्रेस हाईवे पर अंडरपास और सड़कों को बनाने का निर्णय लिया है, लेकिन मनपा को इसके लिए एक ऐसा ठेकेदार मिला है, जो कि ब्लैकलिस्टेड है।
मनपा ईस्टर्न एक्सप्रेस हाईवे और वेस्टर्न एक्सप्रेस हाईवे की सड़कों को बनाने का जिम्मा एक ऐसे ठेकेदार को देने के लिए तैयार है, जिसे २०१५ में एक सड़क परियोजना में अनियमितताएं सामने आने के बाद काली सूची में डाल दिया गया था। यहां पर अब सवाल यह है कि क्या सड़कों का काम ठीक तरीके से होगा? मनपा ने ब्लैकलिस्टेड ठेकेदार को सबसे कम बोली लगाने वाला बताया है। ठेकेदार एक्सेस कंट्रोल सड़कों के निर्माण के लिए मनपा का ठेका हासिल करने की प्रक्रिया में है। मनपा ने सड़कों पर भीड़ को कम करने के लिए आरपीएस इंप्रâाप्रोजेक्ट्स लिमिटेड को २,८०० करोड़ रुपए का अनुमानित अनुबंध देने के लिए पिछले हफ्ते एक प्रस्ताव पारित किया था। यह कंपनी ईस्टर्न एक्सप्रेस हाईवे और वेस्टर्न एक्सप्रेस हाईवे पर चार प्रमुख जंक्शनों पर यातायात को दो स्तरों में अलग करने के लिए अंडरपास और क्षैतिज सड़कों की एक शृंखला बनाएगी। इसके लिए जल्द ही स्वीकृति पत्र जारी किया जाएगा। वेस्टर्न एक्सप्रेस हाईवे पर अंडरपास और क्षैतिज सड़क बनाने के लिए बोरीवली में सुधीर फड़के फ्लाई ओवर, विलेपार्ले हनुरुअन रूट और मिलन सब-वे जंक्शन को चुना गया है। वहीं ईस्टर्न एक्सप्रेस हाईवे पर बीकेसी कनेक्टर एक्सटेंशन है।
मनपा आयुक्त और प्रशासक इकबाल सिंह चहल ने इस बारे में कहा कि आरपीएस इंप्रâाप्रोजेक्ट्स को २०१५ में काली सूची में डाला गया था, जिसकी जांच, जुर्माना और ब्लैकिटिंग की अवधि समाप्त हो गई है।
मनपा से हम अच्छे काम की उम्मीद कर ही नहीं सकते। नागरिकों को धोखा देने की इनकी आदत हो गई है। ऐसे ब्लैकलिस्टेड ठेकेदार को ठेका देने का क्या मतलब है, जो एक बार बिगड़ गया हो वो सुधरेगा थोड़ी। बाकी ठेकेदार नहीं बचे थे क्या, जो ऐसे ब्लैकलिस्ट ठेकेदार को इन्होंने ठेका दिया है। समाज को दिखा-दिखाकर चोरी करना कोई इनसे सीखे।
-उन्नति पाटील, मुंबई
मनपा को ब्लैकलिस्टेड लोगों को काम देकर नागरिकों का पैसा अपनी जेब में डालना बखूबी आता है। मनपा से ऐसी उम्मीद नहीं थी, लेकिन मुंबई में इस वक्त ‘जिसकी लाठी उसकी भैंस’ कहावत बिल्कुल ठीक बैठती है। मनपा जहां मुंबई में पहले से ही दयनीय हालत की सड़कों पर ध्यान नहीं दे रही है, वहीं आने वाले कल को भी ऐसे लोगों को ठेका देकर अंधेरे में डालने का काम किया जा रहा है। -ओम तिवारी, मुंबई
हम टैक्स भर रहे हैं आने वाले अच्छे कल के लिए, लेकिन मुझे नहीं लगता कि आने वाला कल अच्छा होगा। एक ऐसे इंसान के हाथ में काम देना, जो पहले से ही बदनाम है। यह कहां तक ठीक है। ऐसे इंसान पर वैâसे भरोसा किया जा सकता है। कई और भी ठेकेदार हैं, उन्हें टेंडर क्यों नहीं दिया गया। इसमें नए लोगों को मौका देने का बढ़िया अवसर था, लेकिन अगर मनपा नए लोगों को मौका देती तो उसकी खुद की जेब वैâसे भरती। मनपा के पास कई और विकल्प थे, लेकिन उसने गलत विकल्प को चुना है। -शिव सिंह