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डॉक्टर ने दी थी ब्लड सैंपल बदलने की सलाह!

पुणे पोर्शे मामले में नया खुलासा

सामना संवाददाता / मुंबई

पुणे पोर्शे हादसे मामले में हर दिन नए खुलासे हो रहे हैं। अब नाबालिग आरोपी की मां ने नया खुलासा करते हुए कहा कि डॉक्टर ने ब्लड सैंपल बदलने की सलाह दी थी। बता दें कि नाबालिग आरोपी का ब्लड सैंपल बदलने के मामले में दो डॉक्टरों की गिरफ्तारी के बाद पुणे पुलिस लगातार कार्रवाई करने में जुटी है। सुधार गृह में नाबालिग के साथ उसकी मां को बैठा कर भी पुलिस ने पूछताछ की है।

ससून अस्पताल के डीन विनायक काले के बयान के बाद एक नया खुलासा सामने आया है। उनके मुताबिक ब्लड सैंपल बदलने के आरोपी डॉ. तावरे को पिछले कुछ मामलों में आरोपी पाए जाने के बावजूद एक मंत्री और विधायक की सिफारिश पर फोरेंसिक मेडिसिन विभाग का प्रमुख बनाया गया था। शनिवार को नाबालिग आरोपी की ४९ वर्षीय मां को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। इससे पहले उसके पिता और दादा को भी गिरफ्तार किया जा चुका है। आरोपी की मां पर अपने १७ साल के बेटे के ब्लड सैंपल को खुद के ब्लड सैंपल से बदलने में सहयोग का आरोप है।

एक दिन पहले इस मामले में जानकारी आई थी कि डॉ. अजय तावरे ने ब्लड सैंपल लेने से दो घंटे पहले नाबालिग के पिता के साथ १४ बार फोन पर बात की थी। पुणे पुलिस ने इस मामले में लगातार नए खुलासे किए हैं। दोनों डॉक्टरों को गिरफ्तार करने के बाद अब डॉ. तावरे के साथ-साथ कैजुअल्टी मेडिकल ऑफिसर डॉ. श्रीहरि हलनोर और अस्पताल के मुर्दाघर में काम करने वाले अतुल घाटकांबले से जुड़े ठिकानों की तलाशी भी ली गई। पुलिस ने डॉ. हलनोर से २.५ लाख रुपए और घाटकांबले से ५०,००० रुपए बरामद किए हैं।

दो नेताओं पर नजर

इस मामले में एक नया मोड़ ससून अस्पताल के डीन विनायक काले के बयान के बाद सामने आया था। विनायक काले ने कहा कि डॉ तावरे को पिछले कुछ मामलों में आरोपी पाए जाने के बावजूद एक मंत्री और विधायक की सिफारिश पर फोरेंसिक मेडिसिन विभाग का प्रमुख बनाया गया था। बता दें कि विधायक सुनील धींगरे पर यह भी आरोप लगाया गया है कि वे दुर्घटना के बाद येरवडा पुलिस थाने गए थे और उन्होंने अधिकारियों पर मामले में नरम रुख अपनाने का दबाव बनाया था।

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