– रु. ७०४ लाख करोड़ से घटकर रु. ६५७ लाख करोड़ पर पहुंचा
सामना संवाददाता / मुंबई
मोदी सरकार के राज में देश की अर्थव्यवस्था दरक रही है। इसका सबसे ताजा प्रमाण विदेशी मुद्रा भंडार का घटना है। पिछले दो महीने में देश के विदेशी मुद्रा भंडार में करीब ४४ लाख करोड़ की कमी आई है।
बता दें कि देश का विदेशी मुद्रा भंडार १५ नवंबर को समाप्त सप्ताह में १७.७६ अरब डॉलर घटकर ६५७.८९ अरब अमेरिकी डॉलर रहा। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। इससे पिछले सप्ताह, देश का विदेशी मुद्रा भंडार ६.४७ अरब डॉलर घटकर ६७५.६५ अरब डॉलर रहा था। गौरतलब है कि सितंबर के अंत में विदेशी मुद्रा भंडार ७०४.८८ अरब डॉलर के सर्वकालिक उच्चस्तर पर पहुंच गया था। उसके बाद से इसमें पिछले कई हफ्तों से गिरावट आ रही है।
रिजर्व बैंक के शुक्रवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, आठ नवंबर को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार का अहम हिस्सा मानी जाने वाली विदेशी मुद्रा आस्तियां (एसेट्स) १५.५५ अरब डॉलर घटकर ५६९.८३ अरब डॉलर रहीं। डॉलर के संदर्भ में उल्लेखित विदेशी मुद्रा आस्तियों में विदेशी मुद्रा भंडार में रखे गए यूरो, पाउंड और येन जैसी गैर-अमेरिकी मुद्राओं की घट-बढ़ का प्रभाव शामिल होता है। समीक्षाधीन सप्ताह में स्वर्ण भंडार का मूल्य २.०७ अरब डॉलर घटकर ६५.७५ अरब डॉलर रहा। विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) ९.४ करोड़ डॉलर घटकर १८.०६ अरब डॉलर रहा। रिजर्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार, आलोच्य सप्ताह में अंतर्राष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) के पास भारत का आरक्षित भंडार ५.१ करोड़ डॉलर घटकर ४.२५ अरब डॉलर पर आ गया।