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जिला आयुष अधिकारी का कारनामा…जूनियर डॉक्टरों को सौंपी सीएम हेल्पलाइन की जांच…रस्म अदायगी में माहिर हैं विदिशा जिला आयुष अधिकारी डॉ. दिनेश अहिरवार

दीपक तिवारी / विदिशा

शहर के एक मेडिकल स्टोर के साथ सांठ-गांठ कर लोगों की सेहत के साथ खिलवाड़ करने वाले मामले की जांच वरिष्ठ डॉक्टरों की टीम से कराने के बाद जिला आयुष अधिकारी डॉ. दिनेश अहिरवार ने अब उसी मामले की जांच जूनियर डॉक्टरों को सौंपकर नया कारनामा कर दिखाया है। मामला मध्य प्रदेश की सीएम हेल्पलाइन पर दर्ज है।
इससे पहले इस मामले की लिखित शिकायत जिला आयुष अधिकारी डॉक्टर दिनेश अहिरवार को की गई थी। जांच के लिए उन्होंने 3 वरिष्ठ डॉक्टरों की टीम बनाकर मामले में खानापूर्तिकर जांच बंद कर दी थी। इसके बाद शिकायतकर्ता ने जिला आयुष अधिकारी के मनमाने रवैया से असंतुष्ट होकर विदिशा शहर में संचालित मेडिकल स्टोर द्वारा गलत दवाइयां और गलत बिल देने की शिकायत सीएम हेल्पलाइन पर दर्ज कराई थी, जिसकी जांच का जिम्मा जिला आयुष अधिकारी ने दो जूनियर डॉक्टरों को सौंपकर फिर खानापूर्ति कर दी। जबकि इसी मामले की जांच 3 वरिष्ठ डॉक्टरों की टीम कर चुकी है।
जिला आयुष अधिकारी को की शिकायत में गंभीर आरोप है कि आयुर्वेद के नाम पर जटिल रोगों का जड़ से इलाज करने की गारंटी देने वाले बाहर के कई बगैर पढ़े-लिखे अयोग्य वैद्य विदिशा जिले में सक्रिय हैं, जो गंभीर रोगों से पीड़ित मरीजों को अपने जाल में फंसाकर उनसे मोटी रकम वसूल करते हैं और रफूचक्कर हो जाते हैं।
ऐसे ही एक तथाकथित वैद्य शेर सिंह ने शहर के मेडिकल स्टोर के साथ मिलकर दर्जनों लोगों को लाखों का चूना लगाया है। शिकायत में बताया गया कि फर्जी वैद्य शेर सिंह पहाड़ी द्वारा कृषि विभाग के अधिकारियों के अलावा खनिज विभाग, शिक्षा विभाग, नगर पालिका के साथ ही शहर के कई मरीजों को उक्त मेडिकल स्टोर से महंगी औषधियों को लाने भेजा गया और उनसे कोई लाभ नहीं हुआ, बल्कि भस्मों से मरीजों को नुकसान हुआ।
जांच के नाम पर खानापूर्ति
जिला आयुष अधिकारी डॉक्टर दिनेश अहिरवार ने 9 महीने में फर्जी वैद्य और मेडिकल स्टोर के खिलाफ जांच के नाम पर जांच टीम बनाकर केवल खाना पूर्ति की है। आयुष विभाग की उदासीनता के कारण ही आयुर्वेदिक इलाज के नाम पर लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ होने के साथ उनकी गाड़ी कमाई पर डाका डाला जा रहा है और अब सीएम हेल्पलाइन में शिकायत दर्ज कराने मजबूर होना पड़ा।

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