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महायुति सरकार में बिगड़ी मनपा की आर्थिक स्थिति … १० हजार करोड़ रिजर्व फंड घटा …९०,००० करोड़ रुपए से अधिक था सावधि जमा

सामना संवाददाता / मुंबई
महायुति सरकार के कार्यकाल में मुंबई महानगर पालिका की आर्थिक स्थिति बेहद खराब हो गई है। मनपा की सावधि जमा राशि, जो ९०,००० करोड़ रुपए से अधिक थी, चालू वित्त वर्ष में घट गई है। पिछले दो वर्षों में रिजर्व फंड में १०,००० करोड़ रुपए की भारी कमी आई है। वित्त वर्ष २०२१-२२ में फिक्स डिपॉजिट, जो ९१,००० करोड़ रुपए तक पहुंच गई थी, अब घटकर ८१,००० करोड़ रुपए पर आ गई है। उम्मीद है कि मार्च तक सभी ठेकेदारों के बकाए का भुगतान होने के बाद यह निधि और भी कम हो जाएगी।
फरवरी के पहले सप्ताह में पेश होगा बजट
देश की सबसे अमीर मनपा के रूप में पहचानी जाने वाली मुंबई महानगर पालिका २०२५-२६ के लिए अपना बजट फरवरी के पहले सप्ताह में पेश करेगी। यह बजट मनपा की सावधि जमा और समग्र वित्तीय स्थिति का अनुमान प्रदान करेगा। हालांकि, पिछले कुछ वर्षों में मनपा द्वारा शुरू की गई करोड़ों रुपए की बड़ी परियोजनाओं की देनदारियों के कारण मनपा की सावधि जमा राशि में तेजी से कमी आने लगी है।
मनपा के विभिन्न विभागों की अधिशेष धनराशि विभिन्न बैंकों में जमा है। इन जमाराशियों को विभिन्न बैंकों से ब्याज दरें पूछकर उन बैंकों में निवेश किया जाता है, जो उच्चतम ब्याज दर प्रदान करते हैं। मनपा की वित्तीय स्थिति का अनुमान उन सावधि जमाओं से लगाया जाता है। स्थापना व्यय और सेवानिवृत्त कर्मचारी लाभ का भुगतान मनपा की सावधि जमा से किया जाता है। इसके अलावा, इस जमा राशि में विभिन्न विकास कार्यों के लिए ठेकेदारों से ली गई सुरक्षा जमा राशि भी शामिल होती है। कोरोना काल के बाद निर्माण प्रीमियम पर छूट दी गई। इससे निर्माण क्षेत्र को बड़ा बढ़ावा मिला और मनपा को मार्च २०२२ में १४,७५० करोड़ रुपए का राजस्व मिला। इसलिए, मार्च २०२२ में मनपा की सावधि जमा ९१,००० करोड़ रुपए से अधिक हो गई थी। हालांकि, उसके बाद से इन सावधि जमाओं में गिरावट आने लगी है।

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