रमेश ठाकुर / नई दिल्ली
घर में आग लगने की घटना ने एक धनकुबेर जज के कैशलोक का भेद खोल दिया। आरोप है कि जज ने घूस के जरिए अकूत संपत्ति बनाई हुई थी। जज का नाम यशवंत वर्मा है, जो दिल्ली उच्च न्यायालय में तैनात हैं। नोटों का पहाड़ उजागर कैसे हुआ, ये भी दिलचस्प कहानी है।
बता दें कि गत दिवस न्यायमूर्ति वर्मा के सरकारी आवास में आग लग गई। परिजनों ने फायर ब्रिगेड और पुलिस को बुलाया। वर्मा उस समय घर में नहीं थे। जब आग बुझाने का काम चला, तो फायरकर्मियों को बंगले एक हिस्से में नोटों का पहाड़ दिखाई दिया। उन्होंने इसकी सूचना अपने आला अधिकारियों को दी। बड़ी मात्रा में नोटों का जखीरा देख आला अधिकारी भी दंग रह गए। उन्होंने तुरंत चीफ़ जस्टिस ऑफ इंडिया संजीव खन्ना को अवगत कराया। सीजेआई ने आनन-फानन में कोलेजियम की आपात बैठक बुलवाई। कोलेजियम सदस्यों ने यशवंत वर्मा का तबादला तत्काल प्रभाव से इलाहाबाद हाई कोर्ट करने का आदेश पारित किया। वर्मा इलाहाबाद हाई कोर्ट से ही दिल्ली हाई कोर्ट आए थे।