सामना संवाददाता / मुंबई
केंद्र और राज्य सरकार की गलत नीतियों के कारण महंगाई अनियंत्रित होते जा रही है। लगातार बढ़ रही महंगाई के बोझ से दबकर आम जनता परेशान हो चुकी है। इस सरकार में जनता की जेब कटते ही जा रही है। महायुति सरकार ने दो दिन पहले ही एसटी के किराए में करीब १९.९५ फीसदी तक बढ़ोतरी कर दी है। इसकी वजह से लालपरी भी धीरे-धीरे आम जनता से दूर होते जा रही है। इसी में अब फैसला लिया गया है कि ऑटो और टैक्सी के किराए में तीन रुपए की बढ़ोतरी की जाएगी, जिसे एक फरवरी से लागू कर दिया जाएगा। इस वजह से मौजूदा सरकार में एक बार फिर आम जनता की जेब कटने जा रही है।
ज्ञात हो कि पिछले कई सालों से महाराष्ट्र समेत पूरे देश में पेट्रोल और डीजल समेत हर तरह के इंधनों की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। मौजूदा समय में पेट्रोल और डीजल १०० रुपए को पार कर चुका है, जबकि सीएनजी भी शतक लगाने के लिए बेकरार है। र्इंधन की कीमतों पर नियंत्रण न होने से मौजूदा समय में महंगाई चरम पर पहुंच रही है। इसी में महायुति सरकार ने लालपरी के किराए में १४.९५ फीसदी तक की बढ़ोतरी कर दी है। इससे यह सार्वजनिक परिवहन सेवा आम जनता की पहुंच से दूर होती जा रही है। दूसरी तरफ रिक्शा और टैक्सी चालक संगठनों का कहना है कि र्इंधन में तो वृद्धि होते आ रही है, लेकिन दोनों का किराया पिछले कई सालों से नहीं बढ़ा है। इस वजह से नुकसान का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि, उन्होंने किराए में तीन रुपए की होने वाली वृद्धि पर संतोष जताया है।
इस तरह होगा बढ़ा किराया
डेढ़ किलोमीटर की दूरी के लिए ऑटोरिक्शा का मूल किराया २३ से बढ़कर २६ रुपए हो गया है। इसी प्रकार मुंबई में काली-पीली टैक्सी का किराया २८ से बढ़कर ३१ रुपए हो गया है। कूल कैब के किराए में ८ रुपए की वृद्धि हुई है। इसमें सफर करते समय अब न्यूनतम किराया ४० के बजाय ४८ रुपए चुकाने होंगे। शेयर्ड टैक्सी का किराया भी १० से बढ़कर १२ रुपए हो जाएगा। यात्रियों को डेढ़ किलोमीटर की दूरी के बाद प्रत्येक किलोमीटर के लिए अतिरिक्त शुल्क देना होगा। ऑटोरिक्शा के लिए १७.१ रुपए चुकाने होंगे, जो पहले १५.३ रुपए देने पड़ते थे। टैक्सी के लिए आपको प्रत्येक अतिरिक्त किलोमीटर के लिए २०.७ रुपए का भुगतान करना होगा। वहीं कैब के लिए ३७.२ रुपए चुकाने होंगे।