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छात्रों पर बल का प्रयोग कर जिम्मेदारी से भाग नहीं सकती सरकार…पवार ने की प्रतियोगी परीक्षा के अभ्यर्थियों से बात

सामना संवाददाता / मुंबई

न्याय की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे प्रतियोगी परीक्षा के अभ्यर्थियों के खिलाफ पुणे में पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई राज्य के लिए सराहनीय नहीं है। ऐसा तंज राकांपा (शरदचंद्र पवार) के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद पवार ने महायुति सरकार पर कसा है। उन्होंने कहा कि छात्रों की समस्याओं को समझना जिम्मेदार नेतृत्व का कर्तव्य है। वरिष्ठ नेता शरद पवार ने कहा कि महाराष्ट्र के जिम्मेदार नेतृत्व को इसकी जानकारी होनी चाहिए। प्रतियोगी परीक्षा के अभ्यर्थियों ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर शुक्रवार रात शास्त्री रोड पर धरना दिया। पुलिस ने इन प्रदर्शनकारी छात्रों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए बल प्रयोग किया। इस बीच कल सुबह छात्रों ने मोदी बाग में शरद पवार से मुलाकात की। पवार ने इन छात्रों के साथ आधे घंटे तक चर्चा की। शरद पवार ने आश्वासन दिया कि वह छात्रों की समस्याओं को समझेंगे और उनका समाधान करने का प्रयास करेंगे। इस अवसर पर उन्होंने महाराष्ट्र लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष रजनीश शेठ से फोन पर बात की और छात्रों की मांगों पर चर्चा की। महाराष्ट्र लोक सेवा आयोग की राजपत्रित सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा के परिणामों में गड़बड़ी और इस प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी से नाराज प्रतियोगी परीक्षा के छात्रों ने शुक्रवार को शास्त्री रोड पर प्रदर्शन किया और एक बार फिर विरोध प्रदर्शन के जरिए सरकार तक अपनी नाराजगी पहुंचाने की कोशिश की। कटऑफ से अधिक अंक लाने के बावजूद मेरिट सूची में शामिल न किए गए छात्रों में रोष है। परिणामस्वरूप, छात्रों ने परीक्षा स्थगित करने और पुलिस सब-इंस्पेक्टर (पीएसआई) पदों की संख्या में वृद्धि की मांग को लेकर फिर से आंदोलन का रास्ता चुना है।

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