जीपीएस से घर बैठे मिलेगा बस का लोकेशन
सामना संवाददाता / मुंबई
स्वारगेट दुर्घटना समेत पुरानी कई घटनाओं से सबक लेते हुए अब महायुति सरकार ने लाडली बहनों और छात्राओं की सुरक्षा को लेकर अहम पैâसला किया है। इसके तहत राज्य परिवहन विभाग ने एसटी की १२,००० बसों सहित आने वाली २,५०० नई बसों में जीपीएस, पैनिक बटन और सीसीटीवी कैमरे लगाने का निर्णय लिया है। इसके साथ ही परिवहन विभाग ने एक और फैसला किया है, जिसके तहत आगामी शैक्षणिक वर्ष से छात्रों को स्कूल लाने-ले जाने वाली बसों में भी सीसीटीवी कैमरे लगाना अनिवार्य होगा। इन सभी सुरक्षा संसाधनों के चलते अब घर बैठे ही बस का लोकेशन आसानी से मिल सकेगा।
उल्लेखनीय है कि राज्य में लगभग तीन लाख स्कूल हैं, जिनमें विशेष रूप से इंग्लिश मीडियम स्कूलों में बसों का अधिक उपयोग होता है। अब हर स्कूल बस में छात्रों की सुरक्षा के लिए कैमरे लगाना जरूरी होगा। ये नियम नए शैक्षणिक सत्र से लागू होंगे। नियमों का उल्लंघन करने पर संबंधित बस संचालक पर आरटीओ या ट्रैफिक पुलिस द्वारा १०,००० रुपए से अधिक का जुर्माना लगाया जा सकता है। साथ ही स्कूलों को इन कैमरों की फुटेज कम से कम ३० दिनों तक सुरक्षित रखना होगा। दूसरी तरफ परिवहन महामंडल की मौजूदा १५,००० बसों में से ३,००० बसें अगले साल तक स्क्रैप की जाएंगी। इसी के साथ ही शेष बची १२,००० बसों में अगले दो महीनों के भीतर यात्रियों की सुरक्षा के लिए चार-चार सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे।
परिवहन मंत्री के मुताबिक, प्रत्येक स्कूल बस में उच्च दर्जे के सीसीटीवी कैमरे अनिवार्य होंगे। निगरानी स्कूल के प्राचार्य कार्यालय से होगी और स्कूल बस का किराया पूरे राज्य में एक समान रहेगा। केंद्र सरकार की गाइडलाइन के अनुसार एक सदस्यीय समिति रिपोर्ट तैयार करेगी, जिसके आधार पर यह नियम लागू किए जाएंगे।